दिल्ली पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एक मर्डर मिस्ट्री सुलझा ली है. AI की मदद से पुलिस ने न केवल शव की पहचान की, बल्कि हत्या का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बुधवार, 24 दिसंबर को बताया कि 10 दिसंबर को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के नीचे एक अज्ञात शव मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि व्यक्ति का गला घोंटा गया था. परंतु उसके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था.
डिजिटल रूप में व्यक्ति के चेहरे का किया निर्माण
इस मामले को सुलझाने के लिए दिल्ली पुलिस ने 30 सदस्यीय टीम का गठन किया था. इसके साथ ही एआई तकनीक का इस्तेमाल किया. दरअसल, मृत व्यक्ति का चेहरा बुरी तरह से खराब हो चुका था जिस कारण उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी. पुलिस ने एआई पर भरोसा करते हुए डिजिटल रूप से व्यक्ति के चेहरे का निर्माण किया.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, एआई तकनीक का उपयोग करते हुए उन्होंने डिजिटल रूप से पीड़ित के चेहरे को फिर से बनाया और उसके करीब 450 पोस्टर बनाए. इसके बाद रणनीतिक रूप से उन पोस्टरों को राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न स्थानों पर लगाया. साथ ही व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से भी मृत व्यक्ति के पोस्टरों को डिजिटल रूप में प्रसारित किया गया. और उस इमेज के बैकग्राउंड को डिजिटल रूप से बदलकर यमुना नदी जैसा बनाया गया था.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ ने कहा, सफलता तब मिली जब एक पुलिस स्टेशन के बाहर लगे पोस्टरों की पहचान करते हुए एक व्यक्ति ने पुलिस से संपर्क किया. उसने दावा किया कि पोस्टर में दिख रहा व्यक्ति उसका बड़ा भाई हितेंद्र है.
पुलिस को आगे की जांच में पता चला कि हितेंद्र का चार लोगों के साथ विवाद चल रहा था, जिसमें एक महिला भी शामिल थी. विवाद इतना बढ़ गया कि हितेंद्र की हत्या कर दी गई. तीन लोगों ने मिलकर हितेंद्र की गला दबाकर हत्या कर दी थी. और हत्या का सबूत छुपाने में एक महिला ने मदद की थी.
दिल्ली पुलिस ने इस नई जानकारी के आधार पर तुरंत कार्रवाई की और महिला सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
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