उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चर्चित माफिया डॉन अतीक अहमद (Atiq Ahmed Funeral) और उसके भाई अशरफ अहमद को 16 अप्रैल को प्रयागराज जिले के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया. इस दौरान भारी सुरक्षा बल मौजूद रहा और भारी मात्रा में पुलिसकर्मी कब्रिस्तान के अंदर तक मौजूद रहे.
अतीक अहमद और अशरफ अहमद को दफनाने से पहले पुलिस ने प्रयागराज में मार्च किया, इस दौरान पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू रही और इंटरनेट सेवाएं बंद रही. अतीक और अशरफ को दफनाने से पहले क्या-क्या अहम घटनाएं हुई आइए आपको बताते हैं.
कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच हुआ अंतिम संस्कार
पुलिस प्रशासन शाम करीब 7:30 बजे प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज से दोनों का शव लेकर कसारी-मसारी कब्रिस्तान पहुंचा. थोड़ी देर बाद अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटों को बाल सुधार गृह से कसारी-मसारी कब्रिस्तान लाया गया. अतीक अहमद का बड़ा बेटे उसके जनाजे में शामिल नहीं हो पाया, तो वहीं अतीक अहमद के चौथे बेटे को एक दिन पहले ही इसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था.
इस बीच जनाजे के दफन से पहले पुलिस की खास नजर इस बात पर भी रही कि अगर अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन जनाजे में शामिल होने आती है, तो उसकी पहचान की जाए. पुलिस को शाइस्ता परवीन की भी तलाश है, क्योंकि वह भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है. पुलिस-प्रशासन मुस्तैद रहा और अतीक अहमद के परिवार के सदस्यों को घेरा बनाकर कब्रिस्तान के अंदर लाया गया. अतीक और अशरफ को दफन करने के बाद अतीक के परिवार से आई महिलाओं को भी पुलिस ने सुरक्षा घेरा बनाकर एस्कॉर्ट किया.
अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन अतीक के जनाजे में शामिल होने नहीं पहुंची. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुर्के में आई महिलाओं की पुलिस ने शिनाख्ती कार्ड के जरिये शिनाख्त करने की कोशिश की. इसके साथ ही मीडिया कर्मियों के प्रेस कार्ड भी सख्ती से चेक किये गए. आपको बता दें 15 अप्रैल को प्रयागराज के सरकारी अस्पताल में मीडियाकर्मी के रूप में आये तीन शूटरों ने अतीक और अशरफ की ताबतोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी थी.
अतीक अहमद और अशरफ अहमद को बिना किसी अनहोनी के शांतिपूर्वक दफना दिया गया.
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