बिहार, मधेपुरा (Bihar Madhepura): आपने कौरवों की भरी सभा में द्रौपदी के चीरहरण की कहानी जरूर सुनी होगी, लेकिन 21वीं सदी के भारत में अगर खुले पंचायत में ऐसा हो तो आप क्या कहेंगे. ऐसी ही हैरान करने वाली एक घटना बिहार के मधेपुरा से सामने आई है.
मधेपुरा की पंचायत ने एक महिला के ऊपर बदचलन होने का आरोप लगाकर भरी पंचायत में उसकी लाठी-डंडों से बेरहमी से पिटाई कर दी गई. इस दौरान महिला की साड़ी भी खुल गई, लेकिन कोई बीच बचाव करने नहीं आया.
क्या है पूरा मामला?
ये पूरा मामला बिहार के मधेपुरा सदर थाना क्षेत्र के राजपुर गावं का एक है. एक महिला को बदचलन होने के आरोप में बुरी तरह तब-तक पिटा गया, जब तक वह बेहोश नहीं हो गयी. घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक पीड़ित महिला को कुछ ग्रामीणों ने रात के अंधेरे में खेत में पकड़ा और गावंवालों को बताया.
इसके बाद महिला की पिटाई की तैयारी की गयी, लेकिन रात में किसी तरह उसकी पिटाई नहीं हुई. सुबह में पंचायत बैठी और महिला को वहां हाजिर किया गया.
पंचायत के आदेश पर कथित तौर पर करची को आग में गर्म किया गया और बाद में उस करची से महिला की धुंआधार पिटाई शुरू कर दी गई. इस दौरान महिला की साड़ी भी खुल गई और वह बेहोश हो गई.
मक्के के खेत में शौच के लिए गई थी- पीड़िता
पीड़ित महिला ने बताया कि रात में करीब 10 बजे वह शौच के लिए घर के पास मक्के के खेत में गई थी. इसने कहा कि,
इसी दौरान गावं के शंकर दास, पिंटू दास, प्रदीप दास और अभय दास ने उसे पकड़ लिया और पूछने लगे कि मक्के के खेत में तुम्हारे साथ कौन है? जब मैंने बताया कि कोई नहीं है तो वे लोग मेरे साथ मारपीट करने लगे.पीड़ित महिला
महिला ने ये भी बताया कि इन लोगों से पहले भी विवाद चल रहा था. अब पंचायत में महिला के साथ मारपीट का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस घटना पर एसपी राजेश कुमार ने बताया कि "पुलिस मामले की जांच में लगी है. किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा."
महिला आयोग ने लिया मामले का संज्ञान
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है. महिला आयोग ने अपने ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि,
"राष्ट्रीय महिला आयोग ने वीभत्स घटना का संज्ञान लिया है.अध्यक्ष रेखा शर्मा ने डीजीपी और बिहार पुलिस तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने और सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए लिखा है. एनसीडब्ल्यू ने पीड़ित के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार और सुरक्षा की भी मांग की है. 7 दिनों के भीतर की गई कार्रवाई से अवगत कराया जाना चाहिए."
इनपुट- शाहनवाज
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