उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार हत्याकांड में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक कलुआ नाम के इसी आदमी ने सुबोध कुमार पर कुल्हाड़ी से हमला किया था. कलुआ की गिरफ्तारी बुलंदशहर के एक दूर-दराज गांव से हुई.
बुलंदशहर के एडिशनल एसपी अतुल कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक
तफ्तीश के दौरान सामने आया कि इसी आरोपी ने सुबोध कुमार पर कुल्हाड़ी से हमला किया था. उसके कब्जे से कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली गई है. एक दूसरे आरोपी की जल्द गिरफ्तारी मुमकिन है.अतुल कुमार श्रीवास्तव, एडिशनल एसपी, बुलंदशहर
पुलिस का कहना है कि पहले कलुआ ने सुबोध कुमार के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया. इसके बाद प्रशांत नट ने सुबोध को गोली मार दी थी. प्रशांत पहले से ही पुलिस हिरासत में है.
क्या था मामला?
बता दें कि 3 दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय युवक सुमित की मौत हो गई थी.
यह घटना तब हुई, जब उस क्षेत्र में कथित गौ-हत्या के खिलाफ भीड़ विरोध प्रदर्शन कर रही थी.
सीएम योगी ने बताया था साजिश
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को एक साजिश बताया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि यह साजिश वही लोग कर रहे हैं, जिन लोगों ने प्रदेश में जहरीली शराब बनाकर, यहां के लोगों को मारने का प्रयास किया था.
वारदात के वक्त का वीडियो
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत के ठीक पहले का एक वीडियो सामने आया था. वीडियो में भीड़ सड़कों पर भागती दिख रही है. लोग पत्थरबाजी और पुलिस पर हमला करते हुए दिख रहे हैं. पूरे वीडियो में, भीड़ के चिल्लाने की आवाज आ रही है. साथ ही "उन्हें मारो, उन्हें मारो, उनकी बंदूकें छीन लो" की आवाज आ रही है.
वीडियो में एक मिनट 32 सेकंड पर एक शख्स कहता सुनाई देता है "गोली मार दी, गोली मार दी." वहीं एक मिनट 54 सेकंड पर दिखाई दे रहा है कि एक और शख्स है जो घायल हो गया है और भीड़ उसे उठाकर अपने साथ ले जा रही है.
वीडियो के आखिरी में एक खुले मैदान में एक पुलिस वाला गिरा हुआ दिख रहा है. शायद वही सुबोध कुमार सिंह है.
वीडियो देखने के लिए क्लिक करें-
सुबोध कुमार के ड्राइवर ने भी सुनाई थी हमले की कहानी
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के ड्राइवर जो उस घटना के वक्त उनके साथ थे और अपनी जान बचा कर मौका-ए-वारदात से निकल आये थे उन्होंने भी कुछ इसी तरह की बात कही थी.
ड्राइवर रामाश्रय ने बताया था कि जब सुबोध कुमार बाउंड्री की तरफ गिरे थे, तब मैंने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उन्हें उठाकर गाड़ी में डाला. लेकिन जैसे ही गाड़ी लेकर आगे बढ़े सैकड़ों की भीड़ सामने आ गई. भीड़ से लोगों की आवाजें आईं कि पकड़ लो मारो-मारो इन्हें. जिसके बाद सभी लोग भागने लगे. मैंने भी अपनी जान बचाने के लिए गाड़ी से छलांग लगाई और गन्ने के खेत की तरफ भाग गया.
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