ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्रयागराज में दलित परिवार की हत्या, पुलिस ने बयान बदलकर दलित युवक को पकड़ा

उच्च जाति के लोगों को आरोपी बनाने के बाद पुलिस ने दलित युवक को पकड़ा जिस पर मृतकों के परिजनों ने सवाल खड़े किए हैं.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Pryagraj) में पुलिस और विशेष अभियान समूह (SOG) की संयुक्त टीम ने शहर के फाफामऊ क्षेत्र में एक दलित परिवार के चार सदस्यों की निर्मम हत्या के मामले में उसी समुदाय के एक कथित आरोपी को गिरफ्तार किया है.

इससे एक दिन पहले यूपी पुलिस ने प्रयागराज में एक दलित परिवार की हत्या पर दर्ज एफआईआर में उच्च जाति के परिवार के 11 लोगों को नामजद किया था और बताया था कि इनमें से आठ को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने जो अपना बयान बदला है उस पर हत्या कर दिए गए लोगों के परिजनों ने सवाल खड़े किए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या है पूरा मामला?

प्रयाग के फाफामऊ थाना क्षेत्र के गोरही मोहनगंज गांव में 25 नवंबर को एक दलित दंपति अपनी बेटी और बेटे के साथ अपने घर के अंदर मृत पाए गए थे. पुलिस ने अपने ताजा बयान में बताया कि आरोपी पवन कुमार सरोज ने परिवार की बेटी द्वारा दोस्ती को ठुकराए जाने पर निमर्म हत्या को अंजाम दिया है. युवक ने हत्या करने से पहले उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म भी किया था.

एडीजी (प्रयागराज जोन) प्रेम प्रकाश ने बताया कि मामले को सुलझाने के लिए टीम ने मृत युवती के मोबाइल फोन की जांच की जिसमें कथित आरोपी द्वारा किए गए व्हाट्सएप के मैसेज मिले हैं जिसके बाद आरोपी की खोजबीन शुरू हुई तो उसकी पहचान थरवई निवासी पवन के रूप में की गई है.

जब पुलिस ने पवन को हिरासत में लिया और पूछताछ की तो उसने कहा कि वह लंबे समय से लड़की का पीछा कर रहा था लेकिन लड़की ने उसे नजरअंदाज किया. जिसके बाद लड़की के व्यवहार से परेशान होकर उसने अपराध को अंजाम देने की बात कही है. साथ ही पुलिस के अनुसार, पवन ने कबूला है कि उसने लड़की को दोस्ती करने के लिए मजबूर किया लेकिन उसने उसके साथ दोस्ती करने से मना कर दिया था.

पुलिस ने आगे दावा किया कि गठित टीम घटना के संबंध में और तथ्य जुटा रहे हैं. पुलिस ने आरोपी के कथित तौर पर खून से सने शर्ट को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है. एक्सप्रेस के अनुसार पुलिस ने बताया की आरोपी ने कहा कि शर्ट पर पान के दाग हैं.

0

पीड़ितों के परिजनों का दावा, उच्च जाति के लोगों ने की हत्या

वहीं दलित परिवार के सदस्यों ने मामले को लेकर दावा किया था कि चार हत्याएं गांव के कुछ उच्च जाति के लोगों ने मिलकर की थी, जिनका संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को दलित परिवार के एक करीबी रिश्तेदार (जो सशस्त्र सीमा बल (SSB) के साथ जुड़े हैं) ने पुलिस के नए बदले गए बयान पर सवाल उठाया और इस मामले की तुलना पिछले साल हाथरस में 19 साल की दलित लड़की के सामूहिक बलात्कार और मौत से की.

मुझे एक पुलिसकर्मी का फोन आया जिन्होंने उस व्यक्ति का नाम लिया जिसने परिवार वालों को मारा, ये दावा पुलिस ने किया है. लेकिन मैं उसे नहीं जानता. मुझे बताया गया कि वह हमारे घर से 5 किमी दूर रहता है... मैं इस नए बयान पर तभी विश्वास करूंगा जब अन्य आरोपी पकड़े जाएंगे और अधिक जानकारी सामने आएगी. हम सभी ने हाथरस कांड देखा जहां पुलिस ने कई बार अपना पक्ष बदला था.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि जिन उच्च जाति के लोगों को पकड़ा गया था जिनका मृतक परिवार के एक सदस्य से विवाद था लेकिन उसे लेकर कोई सबूत नहीं मिले है कि उन्होंने ही हत्या की है.

फिलहाल पुलिस ने मृतका लड़की और आरोपी पवन के आखरी मैसेज और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों (जब मामले में कोई चश्मदीद गवाह न हो) के आधार पर ही पवन को पुलिस ने पकड़ा है.

गुरुवार को जिस परिवार की हत्या हुई उसमें 50 और 45 साल के पति-पत्नि और उनके बेटा और एक बेटी थी. पति दिहाड़ी पर काम करते थे. एडीजी प्रेम प्रकाश के बयान के अनुसार. हत्या के बाद मामला पोक्सो की धाराओं के तहत दर्ज किया गया था लेकिन मृतका बालिग है इसलिए इन धाराओं को हटाया जाएगा.

बता दें कि इस निर्मम हत्या को लेकर कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने सड़क पर उतरकर राज्य में 'बिगड़ती कानून व्यवस्था' को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×