दिल्ली की रोहिणी कोर्ट (Rohini Court) में हुए गोलीकांड के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) पर कई सवाल उठ रहे हैं. दिल्ली में गैंगस्टरों की मौजूदगी के खिलाफ एक्शन नहीं लेने को लेकर पुलिस की खूब आलोचना हो रही है.
लेकिन अब आलोचना के बाद दिल्ली पुलिस हरकत में दिख रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के संयुक्त कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि दिल्ली में कुल 26 चिन्हित गैंग है जिसमें 188 सदस्य हैं, इसमें से 107 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
लोकल क्राइम खत्म करने पर जोर
आलोक कुमार ने दिल्ली में गैंगस्टर की मौजूदगी और पुलिस के उनसे निपटने के तरीके पर जानकारी साझा करते हुए कहा,
"दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के आदेशों पर अपराधियों से निपटने के लिए एक विस्तृत स्ट्रेटजी तैयार की गई है. यह समझना बहुत जरूरी है कि लोकल स्तर पर छोटे अपराधियों की मौजूदगी के कारण ही बड़े अपराधी फलते फूलते हैं."
उन्होंने आगे कहा कि हम लोकल क्राइम से निपटने के लिए दो स्तर पर काम कर रहे हैं, पहला कानून के जरिए और दूसरा युवा स्कीम के जरिए युवाओं के अंदर स्किल डेवलप करवा के.
क्या है पुलिस की योजना
आलोक कुमार ने अपराधियों से निपटने की स्ट्रेटेजी को साझा करते हुए एएनआई से कहा कि संगठित अपराधों की दूसरी कैटेगरी में गन रैकेट ड्रग तस्करी और ऐसे कई अपराध आते हैं. इसे रोकने के लिए विस्तृत योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत एरिया मैपिंग की गई है साथ ही बिजनेस मॉड्यूल को चिन्हित किया गया है.
तीसरी कैटेगरी में टॉप गैंगस्टर आते हैं. इनसे निपटने के लिए दिल्ली पुलिस के सभी यूनिट लगातार कैंपेन चला रहे हैं जिसमें ह्यूमन इंटेलिजेंस, टेक्नोलॉजी, सर्विलांस और राज्य तथा एजेंसी के बीच समन्वय से काम किया जा रहा है.
"इस बिंदु पर यह समझना जरूरी है कि गैंगस्टर का प्रभुत्व तीन स्तरों पर कायम है. पहले स्तर पर दिल्ली पुलिस ने कोशिश की है कि उन सभी गैंगस्टर को चिन्हित किया जाए जो अपराध को अंजाम दे रहे हैं. इसमें काला जाटखेड़ी, कपिल, नीरज भवानिया और कई गैंग शामिल हैं इनमें से ज्यादातर गैंगस्टर को अरेस्ट कर लिया गया.
दूसरे स्तर पर पुलिस उन गैंगस्टर पर निशाना साध रही है जो टॉप वालों को सामान मुहैया कराते हैं और अपराध में उनका साथ देते हैं. आलोक कुमार ने कहा कि कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है.
आलोक कुमार ने इस बात पर भी चिंता जताई कि अपराध को अंजाम देने के लिए कई गैंग साथ आ रहे हैं, जैसा रोहिणी कांड में देखने को मिला. उन्होंने कहा अक्टूबर में हम उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक एजेंडा के तहत अपराध रोकने के लिए बैठक करेंगे जिसकी अध्यक्षता दिल्ली के पुलिस कमिश्नर करेंगे.
सोशल मीडिया पर भी नजर
आलोक कुमार ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर भी लगातार नजर रखी जा रही है क्योंकि ये एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके अलावा विदेशों में बैठे अपराधियों की भूमिका पर भी नजर रखी जा रही है.
पुलिस महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज क्राइम एक्ट (मकोका) के तहत मामले दर्ज कर रही है पिछले दिनों में क्राइम ब्रांच ने मकोका के तहत 10 मामले दर्ज किए हैं जिनमें से छह मामलों में गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
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