झारखंड के दुमका की रहने वाली 12वीं कक्षा की छात्रा की मौत (Jharkhand dumka Death) रविवार देर रात रांची के रिम्स में हो गई. बीते 23 अगस्त को उसे पेट्रोल डालकर जला दिया गया था. जलाकर मारने का आरोप पड़ोसी शाहरुख हुसैन पर है. घटना के अगले दिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसके अलावा दूसरे आरोपी इलियास उर्फ छोटू को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
जान गंवाने वाली छात्रा के पिता ने क्विंट हिंदी से बातचीत में बताया है कि शाहरुख उसे फोन करके कई दिन से परेशान कर रहा था.
"दोस्ती करो नहीं तो अंजाम बुरा होगा"- छात्रा के पिता
छात्रा के पिता संजीव सिंह एक बिस्किट व्यवसाई के यहां सेल्समैन का काम करते हैं. उन्होंने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा कि, दस दिन पहले शाहरुख ने उसकी सहेली से उसका नंबर लिया. उसके बाद लगातार फोन कर परेशान कर रहा था. 22 अगस्त की रात को भी उसने फोन कर धमकी दी थी. कहा कि दोस्ती करो नहीं तो अंजाम बुरा होगा. 23 अगस्त को जब वह खिड़की से सटे अपने कमरे में सो रही थी, उसी वक्त शाहरुख ने पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी.
छात्रा ने मौत से पहले क्या कहा?
एक हफ्ते तक अस्पताल में जिंदगी के लिए जंग लड़ रही छात्रा का एक वीडियो भी सामने आया है. जिसमें उसने बताया कि,
शाहरुख के साथ एक और छोटू नाम का लड़का था. सुबह करीब चार बजे वो लोग डब्बे में पेट्रोल लाये थे और खिड़की से पेट्रोल फेंककर जलाकर भाग गये. मैंने खिड़की खोलकर देखा था. छात्रा ने कहा कि- जैसे हम मर रहे हैं उसको भी वही सजा हो.
पूरा मामला क्या है?
जानकारी के मुताबिक, 12वीं की छात्रा के पड़ोस में रहने वाला युवक शाहरुख उससे एकतरफा प्यार करता था. उसने छात्रा का फोन नंबर भी निकाल लिया था. उसके बाद शाहरुख लगातार उसे को परेशान कर रहा था. साथ ही उसके प्रस्ताव को नहीं मानने पर जान से मारने की धमकी भी देता था. जिसकी शिकायत छात्रा ने अपने पिता से भी की थी.
इस बीच बीते 23 अगस्त को छात्रा जब अपने घर में सो रही थी. शाहरुख ने वहां पहुंचकर खिड़की के रास्ते उसके शरीर पर पेट्रोल फेंक दिया और आग लगा दी. आग लगने से उसका पूरा शरीर जल गया. उसे तत्काल दुमका सदर अस्पताल और फिर वहां से रांची के रिम्स में लाया गया. डॉक्टरों के मुताबिक, केवल उसका चेहरा बचा था, बाकी शरीर जल चुका था.
लगभग एक हफ्ते तक चले इलाज के बाद बीते 28 अगस्त को उसने रिम्स में दम तोड़ दिया. मामले की जानकारी मिलते ही दुमका शहर में लोग आक्रोशित हो गए. बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, बीजेपी के कार्यकर्ताओं सहित स्थानीय लोगों ने बाजार बंद करवा दिया. मामले को देखते हुए पुलिस ने अंकिता के घर के आसपास और दुमका मुख्य शहर में धारा 144 लगा दी है.
इधर 29 अगस्त को उसका अंतिम संस्कार डीसी रविशंकर शुक्ला और एसपी अंबर लकड़ा की मौजूदगी में किया गया. दादा अनिल सिंह ने उसे मुखाग्नि दी. इस बीच परिजनों और स्थानीय लोगों ने मामले को स्पीड ट्रायल के तहत चलाने की मांग की है.
जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने के निर्देश दिये हैं.
छात्रा की मौत पर गरमाई राजनीति
इस बीच पूरे मामले पर राजनीति गरमा गई है. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि शाहरुख की सनक की शिकार हुई छात्रा की जान बचाई जा सकती थी, अगर उसे भी बेहतर इलाज मिल पाता.
उन्होंने यह भी कहा है कि
छात्रा को जलाये जाने के मामले में वहां के डीएसपी नूर मुस्तफा के खिलाफ दुमका समेत पूरे राज्य के लोगों में भारी आक्रोश है और उनके वहां रहते लोगों को न्याय की उम्मीद नहीं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, इससे पहले कि मामला और बिगड़े, इस षड्यंत्रकारी डीएसपी नूर मुस्तफ़ा पर एफ़आइआर दर्ज करा कर उसे जेल भिजवाइये.
आरोपी शाहरुख का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें उसके हाथ में हथकड़ी लगी है और वह पुलिस की गाड़ी में बैठ रहा है.
इस पूरे मामले पर कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने कहा है कि, छात्रा की क्रूर हत्या अत्यंत निंदनीय है, कोई भी धर्म इसकी इजाजत नहीं देता है. आरोपी शाहरुख़ अपराधी है, और उसके जैसे बर्बर लोग समाज के लिए हानिकारक हैं. इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही ही अंकिता के लिए असली इंसाफ होगा.
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