कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना गुरुवार (4 मई) को मेरठ में उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया. उसके खिलाफ 18 हत्याओं सहित 65 के करीब आपराधिक मामले दर्ज थे. अनिल दुजाना गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में आंतक का पर्याय था. वो 10 अप्रैल को ही तिहाड़ जेल से रिहा होकर बाहर आया था और उसके बाद से उन लोगों को धमकान रहा था, जिन्होंने उसके खिलाफ गवाही दी थी.
कौन था अनिल दुजाना?
अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर के दादरी थाना इलाके के दुजाना गांव का रहने वाला था. उसके पिता का नाम चतर सिंह हैं. दुजाना ने 2021 फरवरी में,बागपत निवासी पूजा से शादी की थी. अनिल दुजाना अपराध की दुनिया में करीब 3 दशक से सक्रिय था. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, अनिल दुजाना पर गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, दिल्ली, बुलंदशहर में करीब 65 मुकदमे दर्ज हैं.
NDTV के अनुसार, अनिल दुजाना पर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था. उसके खिलाफ अदालत ने गैर-जमानती वारंट भी जारी किया था.
पश्चिमी UP का "छोटा शकील"
अनिल दुजाना कोई साधारण गैंगस्टर नहीं था. वह लंबे समय से यूपी पुलिस के रडार पर था और उसका नेटवर्क पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैला हुआ था-खासकर गौतम बौद्ध नगर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा जैसे इलाकों में. उसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश का "छोटा शकील" भी कहा जाता था.
अप्रैल में जेल से रिहा हुआ था दुजाना
पिछले महीने तिहाड़ जेल से रिहा होने के तुरंत बाद दुजाना के खिलाफ नोएडा पुलिस ने मामला दर्ज किया था. उसके खिलाफ अदालत में गवाही देने के लिए एक व्यवसायी सहित लोगों को धमकाने के आरोप में दो FIR दर्ज की गई थी. जब से वह बाहर आया था, तभी से लोगों को धमका रहा था. इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी.
UP के टॉप 65 गैंगस्टर्स में शामिल था अनिल दुजाना
अनिल दुजाना के खिलाफ ग्रेटर नोएडा के बादलपुर थाने में गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और NSA के तहत हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, डकैती, जबरन वसूली, जान से मारने की धमकी देने और विद्रोह करने सहित कई अपराधों के दर्जनों मामले दर्ज हैं. वह यूपी के टॉप 65 गैंगस्टर्स की लिस्ट में भी शामिल था.
दुजाना और उसका सुंदर भाटी गैंग से कनेक्शन
अपराध की दुनिया में दुजाना के उदय की कहानी उसके भाटी गिरोह से जुड़े होने के जिक्र के बिना अधूरी है.
सुंदर भाटी और नरेंद्र भाटी 2000 के दशक की शुरुआत में भाटी गिरोह के प्रमुख सरगना थे. हालांकि, एक जिला पंचायत चुनाव में नरेंद्र ने सुंदर को हराने के बाद, उनके रिश्ते में खटास आ गई. इसके बाद, 2004 में सुंदर ने नरेंद्र की हत्या कर दी.
नरेश भाटी की हत्या के बाद उसके भाई रणदीप भाटी और भतीजे अमित कसाना ने अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए गैंगस्टर अनिल दुजाना को अपने पाले में ले लिया. नवंबर 2011 में सुंदर भाटी के साले की शादी के दौरान तीनों ने एके-47 से फायरिंग की, जिससे साहिबाबाद में तीन लोगों की मौत हो गई. हालांकि, सुंदर भाटी भागने में सफल रहा.
बाद में सुंदर भाटी गैंग ने अनिल दुजाना के घर पर फायरिंग कर दी, जिसमें उनके भाई जय भगवान की मौत हो गई.
नरेश भाटी का करीबी था अनिल दुजाना
अनिल दुजाना पहले गैंगस्टर नरेश भाटी का करीबी था और सुंदर भाटी द्वारा उसकी हत्या के बाद गिरोह को चलाता था. गैंग पर कब्जा करने के बाद अनिल दुजाना ने हत्या, रंगदारी, डकैती और जमीन हड़पने जैसे कई आपराधिक वारदात को अंजाम दिया.
अनिल दुजाना को जनवरी 2012 में 2011 के तिहरे हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसने गैंगस्टर रणदीप भाटी और अमित कसाना की मदद से जेल से गिरोह चलाना शुरू कर दिया था.
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