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Ghaziabad पुलिस का दावा, झूठी निकली गैंग रेप की कहानी, महिला ने रची थी साजिश

Ghaziabad Gangrape Case: आईजी ने बताया कि महिला का न किडनैप हुआ और न गैंगरेप. ये पूरी तरह से एक षडयंत्र था.

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गाजियाबाद में कथित रूप से हुए गैंगरेप मामले (Ghaziabad Gangrape Case) में चौंकाने वाली बात सामने आई है. पुलिस का दावा है कि महिला ने गैंगरेप की झूठी कहानी गढ़ी थी, महिला का रेप नहीं हुआ था. मेरठ रेंज के IG प्रवीण कुमार ने गुरुवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महिला के दोस्त आजाद ने 53 लाख रुपए की प्रॉपर्टी के विवाद का समाधान निकालने के लिए पूरी साजिश रची थी. पुलिस ने आजाद और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है.

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मामले में क्या आरोप लगे थे?

दरअसल, 18 अक्टूबर की सुबह लगभग 3:30 बजे थाना नंदग्राम पुलिस को UP-112 के जरिए खबर दी गई कि आश्रम रोड पर एक महिला बोरे में पड़ी हुई है.

मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने तुरंत महिला को जिला अस्पताल लेकर गई, लेकिन यहां महिला ने मेडिकल कराने से इंकार कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने मेरठ मेडिकल रेफर कराने के लिए कहा तो इसके लिए भी महिला नहीं मानी और अपनी मर्जी से दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में रेफर करने को कहा. आखिर पुलिस ने महिला को जीटीबी अस्पताल में भर्ती करा दिया. यहीं से शक की सूई गहराने लगी.

पुलिस के मुताबिक महिला ने कहानी बनाते हुए बताया कि वो 16 अक्टूबर को वो अपने भाई के बर्थडे पार्टी में शामिल होने के लिए गाजियाबाद के नंदग्राम आई थी. महिला के भाई ने कहा था कि पार्टी के बाद उसने बहन को आश्रम रोड पर छोड़ दिया था. इसके बाद बहन लापता हो गई. साथ ही इस मामले में पांच युवकों पर गैंगरेप करने और हाथ-पैर बांधकर बोरी में भरकर फेंकने का आरोप लगाया गया.

महिला के भाई ने इस संबंध में दिल्ली के दीनू, शाहरुख, जावेद, धोला और औरंगजेब उर्फ जहीर के खिलाफ थाना नंदग्राम में FIR दर्ज कराई थी. पांच में से चार अभियुक्त पुलिस की हिरासत में हैं.

कैसे रची गई साजिश?

पिछले दो दिन से सुर्खियों में बने इस सनसनीखेज मामले को गाजियाबाद पुलिस ने गुरुवार को क्रैक कर लिया. गाजियाबाद पुलिस लाइन में मेरठ रेंज के IG प्रवीण कुमार और SSP मुनीराज ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की. IG ने बताया,

पीड़ित महिला का दिल्ली के शाहदरा में 53 लाख की प्रॉपर्टी को लेकर गैंगरेप के नामजद आरोपियों से विवाद चल रहा है. साल 2021 में आजाद ने ये प्रॉपर्टी महिला से ली थी. आजाद ने इसकी पॉवर ऑफ अटॉर्नी दीपक जोशी को कर दी. दीपक ने फरवरी-2022 में इसकी पॉवर ऑफ अटॉर्नी महिला के नाम कर दी. प्रॉपर्टी पर कब्जे को लेकर विवाद है और ये केस कड़कड़डूमा कोर्ट में चल रहा है.

"रेप की झूठी कहानी फैलाने के लिए दिए गए पैसे"

पुलिस के मुताबिक, महिला के दोस्त आजाद ने कुछ लोगों को पेटीएम के जरिए पेमेंट किया था. उनमें से एक व्यक्ति को उसने गैंगरेप की फर्जी घटना को सोशल मीडिया पर फैलाने का ठेका दिया था. जिस वक्त महिला को बोरे में बंद करके कार से नंदग्राम थानाक्षेत्र में फेंका गया, ठेका लेने वाला युवक मौके पर मौजूद था, और उसने महिला की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया.

आईजी ने बताया,

पुलिस जांच में पता चला कि पीड़िता का दोस्त आजाद है. वो दिल्ली में वैलकम थाना क्षेत्र स्थित कबीरनगर का रहने वाला है. आजाद ने इस प्रॉपर्टी विवाद का समाधान निकालने के लिए कथित गैंगरेप की साजिश रची. इस काम में आजाद ने बादलपुर निवासी गौरव और कैला भट्टा निवासी अफजाल को साथ लिया. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद से ही महिला का मोबाइल बंद हो गया था. लेकिन घटनास्थल के आसपास एक अनजान नंबर की लोकेशन ट्रेस हुई. पुलिस ने पड़ताल की तो यह नंबर आजाद का निकला, जो उसने फर्जी आईडी पर घटना वाले दिन ही लिया था. आजाद को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद पूरे षडयंत्र का पता चला. पुलिस ने इस केस में इस्तेमाल हुई कार और कुछ और सामग्री जब्त कर ली है.

आईजी ने आगे बताया कि जिस गाड़ी में वो घटनास्थल से ले जाई गई, वो गौरव की है. जीपीएस ट्रैकर के जरिये गाड़ी का पूरा रूट पता किया गया. फिलहाल महिला अस्पताल में है इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया है.

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