ADVERTISEMENTREMOVE AD
मेंबर्स के लिए

'अब्बू को जिंदा जला दिया'-12 साल की बेटी का दर्द।जुनैद-नासिर हत्या Ground Report

Junaid Nasir Murder Case: जुनैद की पत्नी साजिदा कहती हैं, मेरे बच्चों का अब कोई भविष्य नहीं है, अब उनका क्या होगा?

Published
'अब्बू को जिंदा जला दिया'-12 साल की बेटी का दर्द।जुनैद-नासिर हत्या Ground Report
i
Like
Hindi Female
listen

जुनैद (Junaid) और नासिर के शवों के चारों ओर एक सन्नाटा फैला हुआ है. एक कमरे में दोनों के शवों को रखा गया है. पास में ही कुछ सौ ग्रामीणों की भीड़ खुले मैदान में खड़ी है. ये तस्वीर राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव की है.

जुनैद और नासिर की लाशें भूरे रंग के कंबल में लिपटी हुई हैं.

(अथर राथर/द क्विंट)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कुछ ही मीटर की दूरी पर जुनैद और नासिर के घर हैं, जहां महिलाओं के रोने की आवाज आ रही है. पूरा परिवार गम में डूबा है. जुनैद और नासिर को कथित तौर पर बजरंग दल के सदस्यों ने मार डाला था. हरियाणा के भिवानी में उनकी गाड़ी को आग लगा दिया गया. पूरा शरीर जल गया. सिर्फ कंकाल बचा था. हड्डियां दिख रही थीं.

जुनैद 6 बच्चों के पिता थे

32 साल का जुनैद गांव में एक मजदूर था और 6 बच्चों का पिता था. सबसे बड़ा बेटा 12 साल का और सबसे छोटा सिर्फ 6 महीने का है.

नासिर की पत्नी (नीले रंग में) रो रही है जबकि गांव की महिलाएं उनके साथ विलाप कर रही हैं.

(अथर राथर/द क्विंट)

जुनैद की पत्नी साजिदा कहती हैं, मेरे बच्चों का अब कोई भविष्य नहीं है, अब उनका क्या होगा? इस देश में मुसलमानों का कोई अधिकार नहीं है. भरे गले से बोलने की कोशिश करती हुई साजिदा रो पड़ती हैं. वह अपनी गोद में लेटे हुए बच्चे को सहलाती और थपथपाती हैं.

उनके बगल में 12 साल की परवाना है. जो कुछ हुआ है उससे वह दंग है. अपनी मां को रोते हुए देखकर सुन्न सी पड़ गई है. वह कहती है, मेरे अब्बू (पिता) को जिंदा जला दिया गया. इसके लिए जिम्मेदार लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'दो स्वस्थ इंसान गए थे और कंकाल बनकर लौटे'- परिवार

नासिर के घर पर उनकी पत्नी फरमीना दर्द से कराहती हुई किसी से बात करने की हालत में नहीं है.

नासिर की बहन सारदा बेगम कहती हैं, ''वो गांव के सबसे अच्छे आदमी थे. दयालु और सबकी मदद करने वाले थे. उनमें कोई खराब गुण नहीं था.

नासिर की बहन को परिवार के एक सदस्य द्वारा सांत्वना दी जा रही है.

(अथर राथर/द क्विंट)

उनके परिवारों का कहना है कि जुनैद और नासिर चाचा-भतीजे थे, लेकिन उनका रिश्ता एक-दूसरे के भाई जैसा था. दोनों बुधवार की सुबह जुनैद की ससुराल जाने के लिए साथ में निकले थे. सारदा कहती हैं कि अब वे दोनों चले गए हैं. एक ही परिवार के दो जवान, स्वस्थ व्यक्ति जिंदा जल गए.

मृतक पर लगे आरोपों का शोक संतप्त परिजनों को भी जवाब देना पड़ रहा है. भरतपुर के आईजी गौरव श्रीवास्तव ने कहा है कि नासिर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन जुनैद पर गाय की तस्करी के पांच मामले दर्ज हैं.

सारदा का कहना है, "क्या इस देश में कानून व्यवस्था नहीं है? क्या भीड़ आकर किसी को मार सकती है? सभी आरोप झूठे हैं, लेकिन अगर वे सच भी हैं, तो कोई उन्हें जिंदा कैसे जला सकता है?'

परिवार का कहना है कि जब दोनों व्यक्तियों के शव घर आए तो उनका दिल दहल गया. जुनैद की आंटी कहती हैं, दोनों घर से स्वस्थ पुरुष के तरह गए थे और कंकाल बनकर वापस आए. सिर्फ हड्डियां बची थीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

"मुस्लिम पुरुषों पर लगातार हमले हो रहे हैं"- चिंतित ग्रामीण

गांव में सिर्फ सदमा और दुख नहीं है बल्कि गहरी पीड़ा और रोष भी है. घाटमीका गांव के निवासी जावेद कहते हैं, "इस देश में मुस्लिम पुरुषों पर लगातार हमले हो रहे हैं. मॉब लिंचिंग नहीं तो लव जिहाद. दाढ़ी-टोपी (दाढ़ी और टोपी वाले पुरुषों) पर हमला किया जा रहा है, वे सुरक्षित नहीं हैं."

"अगर कल मुझे सड़क पर मार दिया जाए, तो क्या होगा? मेरे खिलाफ कोई गाय तस्करी का मामला नहीं है, मेरा अपराध से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन मुझ पर कुछ भी आरोप लगाया जा सकता है."
जावेद

जावेद, एक ग्रामीण, जुनैद और नासिर की मौत पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए.

(अथर राथर/द क्विंट)

शुक्रवार देर शाम राजस्थान पुलिस ने एक प्रेस नोट में कहा, एक आरोपी रिंकू सैनी को गिरफ्तार कर लिया गया है. रिंकू सैनी फिरोजपुर झिरका में एक टैक्सी ड्राइवर है और गौ तस्करी में शामिल लोगों का पीछा करता है. प्रेस नोट में आगे कहा गया है, अब उससे इस घटना में शामिल अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जाएगी. प्राथमिकी में रिंकू के अलावा मोनू मानेसर, अनिल, श्रीकांत और लोकेश सिंगला सहित चार अन्य नामजद हैं.

जुनैद और नासिर की मौत पर ग्रामीणों में विरोध जताया औ इंसाफ की मांग की

(फातिमा खान/द क्विंट)

एक दिन तक परिवार ने जुनैद और नासिर की खोज की, लेकिन जब कोई पता नहीं चला तो उन्होंने गोपालगढ़ पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई. हरियाणा के भिवानी में जिस बोलेरो में वे यात्रा कर रहे थे, वह जली हुई पाई गई. तभी घर में इस बात की खबर दी गई. द क्विंट ने पहले बताया था कि कैसे परिवार के सदस्यों ने डॉट्स को जोड़ा और दोनों के कथित अपहरण का पता लगाया. एक अन्य ग्रामीण ने कहा, "जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, हम चैन से नहीं बैठेंगे."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • पेड़ कंटेंट को सुनें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
और खबरें
×
×