ADVERTISEMENTREMOVE AD

धुले लिंचिंग केस:21 गिरफ्तार,अफवाह से निपटना पुलिस के लिए चुनौती

महाराष्ट्र मुख्यमंत्री ने कहा, पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

महाराष्ट्र के धुले में 5 लोगों को बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिए जाने के मामले में पुलिस ने अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. महाराष्‍ट्र सरकार ने सोमवार को इस मामले में मुआवजे का ऐलान किया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक, पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. दूसरी ओर धुले की वारदात को लेकर राजनीति भी गरमा गई है.

केंद्रीय मंत्री और धुले के सांसद सुभाष भामरे ने इस वारदात के बाद लोगों से अफवाहों से बचने को कहा है. उन्‍होंने कहा, "मैं लोगों से अपील करता हूं कि वो कानून अपने हाथों में न लें. सोशल मीडिया के जरिए इस तरह की अफवाहें फैल रही हैं. ."

वहीं महाराष्ट्र के डीजीपी दत्ता पडसालगीकर ने भी लोगों से अपील की है कि अगर इस तरह का कोई मामला सामने आता है, तो पुलिस को सूचित करें. उन्‍होंने कहा कि सोशल मीडिया की अफवाहों पर भरोसा न करें.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मोदी सरकार में 'लिंचिंग मूवमेंट' चल रहा है: कांग्रेस

कांग्रेस ने देश के कुछ स्थानों पर लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की हालिया घटनाओं को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला. पार्टी ने कहा कि इस सरकार में 'लिंचिंग मूवमेंट' चल रहा है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल किया कि क्या 'नफरत, अराजकता और जंगलराज' ही मोदी जी का 'नया भारत' है?

गांधी जी ने कहा था कि असहिष्णुता एक तरह की हिंसा है और विकास के रास्ते की बाधक है. नफरत, हिंसा और अविश्वास का माहौल हावी हो गया है. ऐसा स्वंतत्र भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ. इस सरकार में ‘लिंचिंग मूवमेंट’ शुरू हो गया है. ऐसे मूवमेंट के बारे में कभी नहीं सुना.
अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस प्रवक्ता

सिंघवी ने पूछा, ''एक महीने में 28 लोगों की लिंचिंग हुई है. क्या भारत कभी ऐसा था?''

सिंघवी ने कहा कि महाराष्ट्र के धुले, उत्तर प्रदेश के हापुड़, झारखंड, त्रिपुरा, गुजरात और राजस्थान में इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं.

क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र के धुले में रविवार दोपहर करीब आधा दर्जन लोगों का ग्रुप रेनपाड़ा जनजातीय गांव में एक राज्य परिवहन निगम की बस से उतरा था. उन्हें बच्चे चुराने वाला ग्रुप समझकर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पर डंडे, पत्थरों से हमला कर दिया और उन्हें ग्राम पंचायत ऑफिस के पास जान से मार डाला.

बताया जा रहा है कि धुले की घटना में मारे गए लोग साप्ताहिक हाट-बाजार के लिए आए थे और आस-पास घूम रहे थे. उनमें से एक बच्ची से बात कर रहा था, तभी कुछ लोगों ने उसे अपहरणकर्ता समझ लिया और भीड़ को बुला लिया. इसके बाद उन पर बेरहमी से हमला किया गया.

गंभीर चोटों के कारण जान गंवाने वालों की पहचान भरत शंकर भोसले, दादाराव शंकर भोसले, भरत शंकर मालवे, अगनु इंगोले और राजू भोसले के रूप में हुई है.

ये भी पढ़ें- बुराड़ी: 11 की मौत का बाबा कनेक्‍शन? रिश्‍तेदार ने कहा-ये मर्डर केस

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×