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जुनैद-नासिर हत्याकांड:आरोपी मोनू सरकार के गोरक्षक टास्क का सदस्य,क्या-क्या आरोप?

Monu Manesar: मोनू मानेसर हरियाणा सरकार के गोरक्षक टास्क फोर्स का चेहरा है.

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हरियाणा के भिवानी में एक बोलेरो गाड़ी में दो लोगों का जला हुआ शव मिला था. बताया गया कि दोनों राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे. मृतकों के नाम जुनैद और नासिर है. आरोप है कि 15 फरवरी को दोनों की कुछ लोगों ने पिटाई की उसके बाद किडनैप कर लिया था, जिसके बाद परिवार ने FIR दर्ज करवाई थी. अब इस मामले में एक आरोपी का नाम बार-बार सामने आ रहा है. वो नाम है गोरक्षक दल मानेसर जिला अध्यक्ष मोहित उर्फ मोनू यादव उर्फ मोनू मानेसर का.

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पुलिस ने FIR में अनिल, श्रीकांत, रिंकू सैनी, लोकेश सिंग्ला और मानेसर का रहने वाले मोनू को आरोपी बनाया है.

कौन है मोनू मानेसर?

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, 28 साल का मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर हरियाणा सरकार के गोरक्षक टास्क फोर्स का सदस्य है. साल 2011 में मोनू, बजरंग दल से जुड़ा था. मोनू ने मानेसर के एक पॉलीटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा किया है.

पानीपत, सोनीपत, गुड़गांव, रेवाड़ी, नूंह, पलवल, झज्जर सहित हरियाणा के कई जिलों में फैले मुखबिरों के नेटवर्क के साथ-साथ बजरंग दल के कार्यकर्ता, टास्क फोर्स मिलकर काम करते हैं. इन्हें हरियाणा पुलिस का सहयोग मिलता है. ये लोग संदिग्ध मवेशियों को और तस्करों को पकड़कर पुलिस के हवाले करते हैं. हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन अधिनियम-2015 को लागू करने के उद्देश्य से जुलाई 2021 में हरियाणा सरकार ने एक विशेष गौ रक्षा टास्क फोर्स अधिसूचित की थी. सरकार ने कहा था कि गौसेवक और गौरक्षक टास्कफोर्स का हिस्सा होंगे - राज्य और जिला स्तर दोनों पर - और टास्कफोर्स अवैध परिवहन, तस्करी और गोवंश के वध को रोकेगा, तस्करी और वध के बारे में जानकारी एकत्र करेगा, कानूनी कार्रवाई और बचाव करेगा और आवारा पशुओं का पुनर्वास करेगा.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मोनू ने मकान के कमरे किराए पर दे रखे हैं जिससे उसे पैसे आते हैं. वह मानेसर में जिला प्रशासन की नागरिक सुरक्षा (civil defence) टीम का सदस्य भी है.

वारिस की मौत का भी इलजाम मोनू पर है

मोनू मानेसर का विवादों से गहरा नाता रहा है. अभी हाल ही में मोनू की एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी जिसमें गो तस्करों ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी. वहीं जनवरी 2023 में, मोनू मानेसर एक और आरोप के संबंध में चर्चा में आया था.

दरअसल, आरोप है कि मोनू और उसकी टीम ने 28 जनवरी को गोतस्करी के शक में एक 21 साल के लड़के वारिस पठान को पकड़ा था. वारिस को कार के अंदर भीड़ द्वारा परेशान किए जाने का वीडियो भी वायरल हुआ था. वायरल वीडियो वारिस के चेहरे पर चोट के निशान भी दिख रहे थे. जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

वारिस के परिवार ने आरोप लगाया कि बजरंग दल के गौरक्षा रक्षकों द्वारा पीटे जाने के बाद चोटों के कारण उसकी मौत हो गई. घरवालों का कहना है कि वीडियो में मोनू वारिस और उसके साथियों से पूछताछ करता नजर आ रहा है.

लेकिन पुलिस ने दावा किया कि यह एक कार दुर्घटना थी जिसके परिणामस्वरूप वारिस की मौत हुई. वारिस खान हरियाणा के नूंह जिले में एक कार मैकेनिक था और हुसैनपुर गांव का रहने वाले था.

इधर इस पूरे मामले से जुड़ा एक और वीडियो सामने आया है. कथित वायरल वीडियो शनिवार, 28 जनवरी की सुबह का था. वीडियो में दिखता है कि वारिस को दो और लोगों के साथ एक कार में आक्रामक रूप से धक्का दे रहे हैं, जिसके बाद वीडियोग्राफर उन्हें कैमरे पर अपना नाम बताने के लिए कहता है.

द क्विंट से बात करते हुए वारिस के बड़े भाई इमरान ने कहा कि मोनू मानेसर ने फेसबुक पर लाइव किया था जहां से ये वीडियो एक्सेस किया गया था. वहीं वीडियो को जल्द ही हटा दिया गया था, लेकिन तब तक इसे कई लोगों द्वारा डाउनलोड और सर्कुलेट किया जा चुका था. इमरान का आरोप है,

''वारिस को किसी ने आने और उनकी गाड़ी ठीक करने के लिए बुलाया था. वह वहीं जा रहा था जब बजरंग दल के लोगों ने उसकी कार का पीछा किया और उसे पीछे से टक्कर मार दी. परिवार का कहना है कि जब वे अगली सुबह उठे तो उन्हें ग्रामीणों ने लगभग 5:30 बजे पोस्ट किए गए लाइव वीडियो के बारे में बताया. घंटों तलाश करने के बाद वारिस को बताया गया कि उसे नलहर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. इमरान ने कहा, "लेकिन जब तक हम वहां पहुंचे, हमें बताया गया कि वारिस का निधन हो गया है."

मोनू की सफाई

फिलहाल नासिर और जुनैद की मौत के मामले में मोनू ने सफाई दी है. द क्विंट से बात करते हुए, मोनू मानेसर ने कहा, “मैं उन्हें (जुनैद और नासिर) नहीं जानता था, मैं वहां या कहीं भी नहीं था. 14 फरवरी की रात मैं अपने 8-9 दोस्तों के साथ था और हमने गुड़गांव के एक होटल में रात बिताई. हम अगले दिन दोपहर करीब 1 बजे निकले. मैं 15 फरवरी को अपने घर मानेसर गया था, वहां मेरी सीसीटीवी फुटेज है. इस मामले में बजरंग दल का कोई भी सदस्य शामिल नहीं है. जिसने भी यह किया है उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए.”

मोनू ने दावा किया कि पुलिस ने उससे मामले पर पूछताछ की है और उसने उन्हें बताया है कि वह इस घटना में शामिल नहीं था.

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मोनू के नफरती बोल

मोनू मानेसर का मुस्लिम विरोधी अभद्र भाषा और हिंसा का आह्वान करने का एक लंबा इतिहास रहा है. उदाहरण के लिए, 4 जुलाई 2021 को हरियाणा के पटौदी में एक 'हिंदू महापंचायत' कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान, मोनू मानेसर ने कथित तौर पर घोषणा की,

"जो लव जिहाद करेगा, जो हमारी बहनों को छेड़ेगा, उनको मारने का काम सिर्फ और सिर्फ हम, हमारी टीम और हमारे युवा साथी करेंगे. उनसे अपना कोई समझौता नहीं है जो अपने धर्म पर उंगली उठवाने देंगे. उनको सिर्फ और सिर्फ मारने पर ही हमारा समाधान होगा, नहीं तो कोई समाधान नहीं हो सकता. ये भाषनों से समाधान नहीं होगा, उनको मारना पड़ेगा भाई. जय श्री राम!"

मोनू के यूट्यूब पेज पर 2 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर

मोनू मानेसर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है. फेसबुक पर करीब 80 हजार और यूट्यूब पर लगभग दो लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं. मोनू अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर कथित गोतस्करों का पीछा करने के वीडियो अपलोड करता रहता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2022 के जुलाई महीने में मानेसर के एक मंदिर में पंचायत आयोजित हुई थी. इस पंचायत में इलाके के मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार की बात कही गई. इस पंचायत में मोनू भी शामिल था.

कई नेता और पुलिस अधिकारियों के साथ मोनू की तस्वीर

सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर की कई तस्वीर शेयर की जा रही है जिसमें वो कई बड़े नेताओं के साथ देखा जा सकता है.

गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, पतंजलि के बाबा राम देव के साथ फोटो है. वहीं उसकी एक तस्वीर सुदर्शन न्यूज के मालिक सुरेश चव्हाणके के साथ भी है.

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