श्रद्धा वालकर हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा हुआ है. आरोपी आफताब पूनावाला ने श्रद्धा का मर्डर करने बाद अपना घरेलू सामान महाराष्ट्र के पालघर से दिल्ली के महरौली लाया था. आफताब ने 37 बक्सों को लाने के लिए 20 हजार रुपए का भुगतान किया था.
गुडलक मूवर्स एंड पैकर्स के मालिक गोविंद यादव ने द क्विंट को बताया कि पूनावाला के सामानों की जो खेप गई थी, उसमें घरेलू सामान था. यादव ने बताया की सामान जाने के बाद हमनें कभी भी आरोपी से फोन पर बात नहीं की. 'उसने हमारी सेवाओं को 20,000 रुपये में बुक किया था. भुगतान मेरे फोन पर स्थानांतरित कर दिया गया था. यह करीब 6 महीने पहले जून में था. सामान्य घरेलू सामान थे, जैसे कपड़े, कपड़े धोने की मशीन, बर्तन.
वहीं, रविवार, 20 नवंबर को पुलिस के लिए अपना बयान दर्ज कराने के बाद, यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि वसई से महरौली स्थानांतरित किए गए घरेलू सामानों में एक फ्रिज भी था.
हालांकि, द क्विंट से बात करते हुए, उन्होंने दावा किया कि उन्हें याद नहीं है कि सामानों में एक फ्रिज भी था, क्योंकि ऑर्डर 6 महीने पहले का था और वह उस समय अपने गांव गए हुए थे.
'क्लाइंट से कभी फोन पर बात नहीं की'
यादव ने कहा कि उन्होंने पूनावाला से कभी फोन पर बात नहीं की. "हमारा मूवर्स एंड पैकर्स बिजनेस पूरी तरह से ऑनलाइन है. ऑर्डर ऑनलाइन दिया गया था, और हमने अपने लड़कों को जांच के लिए भेजा कि शिफ्टिंग के लिए घरेलू सामान क्या हैं. भुगतान भी ऑनलाइन किया जाता है. मैंने कभी भी क्लाइंट के साथ फोन पर बात नहीं की."
ऑर्डर की रसीद, जिसे द क्विंट ने देखा, उसमें बुकिंग की तारीख 5 जून बताई गई है. रसीद में यह भी उल्लेख किया गया है कि एवरशाइन सिटी, वसई में एक फ्लैट से वस्तुओं को स्थानांतरित करने के क्रम में 37 बक्से थे, जिसके लिए 20,000 रुपये का भुगतान प्राप्त हुआ था.
"मुझे वसई पुलिस ने बुलाया था. उन्होंने मुझसे कहा कि हमारे पास उस क्लाइंट से संबंधित कोई भी दस्तावेज है, जिसका सामान हम ले गए थे. दिल्ली पुलिस जांच के लिए आई थी. हमने उन्हें दस्तावेज सौंप दिया. हमारे पास कोई अन्य दस्तावेज नहीं है."गोविंद यादव, गुडलक मूवर्स एंड पैकर्स के मालिक
पूनावाला और श्रद्धा वाकर मार्च 2022 तक वसई पश्चिम में रह रहे थे, जिसके बाद वे हिमाचल प्रदेश में छुट्टियां मनाने चले गए और बाद में दिल्ली आ गए थे. मई के मध्य में, पूनावाला ने कथित तौर पर वाकर का गला घोंट दिया था, उसके शरीर को कम से कम 35 हिस्सों में काट दिया था, और उसके अवशेषों को एक फ्रिज में रख दिया था. इसके बाद उसने धीरे-धीरे उन्हें अपने छतरपुर फ्लैट के आसपास के विभिन्न स्थानों पर फेंक दिया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)