"1500 किलोमीटर की यात्रा के एक लंबे थकाऊ दिन के बाद, मैंने अपने दिन को डूबते सूरज के एक दृश्य के साथ समाप्त करने का फैसला किया, इसलिए मैंने एक रील बनाने की कोशिश की है. वशिष्ठ गुफा में गंगा तट पर गई...." 27 साल की श्रद्धा वाल्कर ने अपनी हत्या से करीब 14 दिन पहले इंस्टाग्राम पर ये बातें पोस्ट की थी. साथ में एक वीडियो भी था.
लेकिन 18 मई को श्रद्धा के लिव-इन-पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने दिल्ली के छतरपुर इलाके में एक अपार्टमेंट में कतिथ तौर पर उसकी हत्या कर दी. पुलिस के मुताबिक हत्या के बाद आफताब ने श्रद्धा के शरीर को 35 हिस्सों में काट डाला, उसे कई दिनों तक फ्रिज में रखा और फिर धीरे-धीरे अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया.
इस दिल दहला देने वाली घटना से तब पर्दा उठा जब दिल्ली पुलिस 6 महीने बाद अचानक आफताब के फ्लैट पर पहुंची. 28 साल का आफताब पुलिस की गिरफ्त में है.
कौन है आफताब पूनावाला?
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, श्रद्धा विकास वॉकर और आफताब पूनावाला की मुलाकात साल 2019 में एक डेटिंग ऐप बंबल के जरिए हुई थी. दोनों ही महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई के रहने वाले थे.
श्रद्धा मुंबई में एक स्पोर्ट्स रिटेल कंपनी काम करती थीं. पुलिस की जांच में पता चला है कि आफताब ने मुंबई के एक पांच सितारा होटल में शेफ की ट्रेनिंग लिया था. इसके अलावा वह फूड फोटोग्राफी और व्लॉगिंग, और रेस्टोरेंट के लिए डिजिटल मार्केटिंग में भी शामिल था.
दोनों के इंस्टाग्राम की अलग कहानी
इंस्टाग्राम पर आफताब पूनावाला hungrychokro_escapades के नाम से एक फूड ब्लॉग अकाउंट चलाता था. जिसपर करीब 28,500 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. उसने कई भारतीय और चीनी खानों की हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरें पोस्ट की हुई है.
हालांकि आफताब ने अपने इंस्टाग्राम पर श्रद्धा के साथ अपनी कोई भी फोटो नहीं लगा रखी है, जबकि श्रद्धा के इंस्टाग्राम पर आफताब के साथ एक फोटो है और श्रद्धा ने लिखा है "हैप्पी डेज".
श्रद्धा ने इंस्टाग्राम पर आखिरी बार 11 मई को अपनी फोटो पोस्ट की थी. और लिखा था, “एक्सप्लोरिंग मोर एंड मोर एवरी पासिंग डे”. इस फोटो में वह हिमांचल प्रदेश के एक कैफे में बैठी थी.
वहीं आफताब के फेसबुक या इंस्टाग्राम पर उस यात्रा की कोई फोटो नहीं है.
आफताब के फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक, उसने वसई के सेंट फ्रांसिस हाई स्कूल से पढ़ाई की है और फिर एलएस रहेजा कॉलेज से बीएमएस की डिग्री हासिल की. अपने फेसबुक पोस्ट पर वो खुद को LGBTQIA+ समर्थक, पर्यावरणविद् और उदारवादी के रूप में पेश करता रहा है. वहीं साल 2014 में उसने महिलाओं के समर्थन में एक पोस्ट शेयर किया है.
आफताब ने आखिरी बार फरवरी के महीने में इंस्टाग्राम पर फूड फोटो शेयर की थी. वहीं उसने फेसबुक प्रोफाइल पर 2019 से कुछ भी शेयर नहीं किया है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आफताब और श्रद्धा इसी साल मई के आसपास दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर पहाड़ी मोहल्ले में रहने के लिए शिफ्ट हुए थे. पुलिस ने बताया,
आफताब पूनावाला की पूछताछ से कथित तौर पर पता चला कि दोनों "छोटी-छोटी बातों पर लड़ने लगे थे", और "रिश्ते टॉक्सिक हो गए थे". “वे एक दूसरे पर धोखा देने और झूठ बोलने का शक करते थे. वे एक-दूसरे को फोन करते थे और सटीक जीपीएस लोकेशन और कहां है किसके साथ है जैसी जानकारी मांगते.
आफताब ने पुलिस को बताया कि दोनों के बीच झगड़े अक्सर हिंसक हो जाते थे. पुलिस सूत्रों ने कहा कि दोनों झगड़े से "ब्रेक" चाहते थे और अप्रैल में मुंबई में अपने घरों को छोड़कर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में घूमने का फैसला किया.
श्रद्धा ने अपने इंस्टाग्राम पर आखिरी बार उत्तराखंड यात्रा के दौरान ली हुई तस्वीर शेयर की थी.
श्रद्धा के पिता कहते हैं,
“मैं आफताब से मिला था लेकिन कभी उससे बात नहीं की. मैं उसे पसंद नहीं करता था और नहीं चाहता था कि मेरी बेटी उसके साथ रिश्ते में रहे… लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा,”
उत्तराखंड से यात्रा के बाद, दोनों ने करीब 15 मई को महरौली के छतरपुर पहाड़ी इलाके में किराए पर एक कमरे का फ्लैट लिया. तीन दिन बाद, वे फिर से झगड़ पड़े, इसी दौरान आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी.
परिवार से अलग हो चुकी थी श्रद्धा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रद्धा आफताब से शादी करना चाहती थी लेकिन उसकी मां शादी के खिलाफ थी. जिसके बाद श्रद्धा अपनी मां को छोड़कर आफताब के साथ रहने लगी. लेकिन साल 2020 में मां के निधन के बाद श्रद्धा का संपर्क करीब-करीब अपने परिवार से टूट चुका था.
हत्या के बाद शव के किए 35 टुकड़े
एडिशनल डीसीपी अंकित चौहान के मुताबिक आरोपी द्वारा श्रद्धा की हत्या करने के बाद, "उसने उसके शरीर को कई हिस्सों में काट दिया और अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया. उसने एक फ्रिज भी खरीदा जहां उसने उसके शरीर के अंगों को रखा." पुलिस के मुताबिक,
आफताब ने शव के 35 टुकड़े कर दिए और उन्हें रखने के लिए 19 हजार रुपए में 300 लीटर का फ्रिज खरीदा. और टुकड़ों को प्लास्टिक में बांध कर रखता गया. इसके बाद देर रात वो निकलता और थोड़े-थोड़े टुकड़ों को महरौली के जंगलों में फेंक देता था. करीब 18 दिनों तक वो इसी तरह शव के टुकड़े फेंकता रहा. लाश की बदबू छिपाने के लिए वह फ्लैट में अगरबत्ती, एयर फ्रेशनर और परफ्यूम का इस्तेमाल करता था.
एडीसीपी ने कहा, "हत्या की जगह और आसपास के जंगल और डंपिंग ग्राउंड से कुछ सबूत मिले हैं. उनकी जांच की जा रही है." उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा बरामद किए गए अवशेष अत्यधिक विघटित हैं, जिसमें केवल हड्डियां हैं. उन्हें आगे की जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जा रहा है.
हत्या का पता कैसे चला?
हत्या के करीब 6 महीने बाद पुलिस आफताब तक पहुंच सकी है. दरअसल, सितंबर में, श्रद्धा के एक दोस्त ने उसके भाई को खबर किया कि श्रद्धा से करीब ढाई महीने से कोई संपर्क नहीं हो सका है और उसका मोबाइल फोन बंद आ रहा है. 14 सितंबर को पालघर निवासी उसके पिता ने मुंबई के माणिक पुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.
दिल्ली पुलिस ने एक ब्रीफिंग में कहा, "पीड़िता के पिता ने कहा कि महिला के दोस्त उससे संपर्क नहीं कर पाए और वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय नहीं थी." मुंबई पुलिस ने 8 नवंबर को दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी.
एडीसीपी चौहान ने बताया कि उन्होंने फिर पूनावाला से पूछताछ की, शुरू में उसने कहा कि दोनों के बीच लड़ाई हुई थी जिसके बाद वो वहां से चली गई थी. जब हमने और पूछताछ की, तो उसने कबूल किया कि श्रद्धा उसके साथ थी और उसने उसका गला घोंट दिया था." जिसमें उसने "स्वीकार किया कि उसने श्रद्धा की हत्या की है."
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