राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर जिले के मांडवा थाना क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर रणिया को पकड़ने गई पुलिस टीम पर चाकू और पत्थरों से हमला कर दिया गया, जिसमें आठ पुलिस कर्मी घायल हो गये. घटना में फायरिंग की भी बात सामने आई है. उदयपुर में हुई इस घटना ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए 'बिकरू कांड' की याद दिला दी.
पुलिस टीम पर लाठी, चाकुओं और पत्थरों से हमला किया गया और आरोपियों ने एक SLR राइफल और एक पिस्तौल भी छीनने की कोशिश की.अजय पाल लांबा, IG रेंज, उदयपुर जोन
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पुलिस कर्मियों को गोली लगने से चोटें नहीं आई हैं.
पुलिस टीम पर कैसे हुआ हमला?
IG उदयपुर रेंज अजय पाल लांबा ने बताया कि पुलिस की टीम रानिया गैंग के एक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए मांडवा इलाके में छापेमारी करने गई थी. जैसे ही पुलिस की टीम इन बदमाशों के घर के पास पहुंची, वहां 30-35 लोग घात लगाए बैठे थे और जवानों पर हमला कर दिया. इस दौरान चाकू और पत्थरों से हमला किया गया.
इंडिया टुडे के अनुसार, आरोपियों के परिजनों ने पुलिस को चारों तरफ से घेर लिया और राइफल और पिस्टल समेत उनके हथियार छीनने की कोशिश की. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया जबकि आरोपी फरार हो गया.
कौन है हिस्ट्रीशीटर रणिया?
आईजी रेंज अजय पाल लांबा ने बताया कि आरोपी रणिया और उसका बेटा खाजरू मांडवा थाने का हिस्ट्रीशीटर है. इन दोनों का पूरे क्षेत्र में खौफ है. पुलिस के अनुसार, दोनों पर हत्या, लूट और डकैती के एक दर्जन से अधिक मामले अलग-अलग थाने में दर्ज हैं. पुलिस अब दोनों ही आरोपियों की तलाश में जुटी है.
घटना के बाद आईजी लांबा एसपी विकास शर्मा के साथ उदयपुर के अस्पताल पहुंचे और कहा कि पुलिस मांडवा गई थी, जहां लूट का मामला सामने आया है. उन्होंने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपियों ने इलाके में पहाड़ की ढलान पर बने मकानों में शरण ली हुई है.
लांबा ने कहा कि घायल पुलिस अधिकारियों का फिलहाल उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
किन-किन पुलिसकर्मियों को आई चोटें?
इस हमले में थानाधिकारी उत्तम सिंह मेडतिया, कांस्टेबल मनोज, ASI सूरजमल मीणा, कांस्टेबल मुरलीधर, सोहनलाल, प्रभुलाल, देवेंद्र और महेंद्र कुमार को चोटें आई हैं. इन सभी का इलाज चल रहा है.
बिकरू कांड से क्यों हो रही तुलना?
20 जुलाई 2020 में कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में कुख्यात विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीम आधी रात दबिश देने पहुंची थी. इस दौरान विकास दुबे के गुर्गों ने पुलिस टीम पर अचानक गोलियां बरसाना शुरू कर दिया, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गये, जबकि कई घायल हुए थे. हालांकि, इसके बाद 9 दिन में पुलिस ने कुल 6 एनकाउंटर किये, जिसमें विकास दुबे भी मार दिया गया.
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