ADVERTISEMENTREMOVE AD

UP: IPS दोस्त ना होता तो UPSC एस्पिरेंट को पुलिस बना देती स्मैक तस्कर?

Lucknow: जब विनीत ने अपने आईपीएस दोस्त को फोन लगाया तब जा कर विनीत बच पाया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

लखनऊ (Lucknow) में एक UPSC एस्पिरेंट को कथित पुलिसिया अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना इतना महंगा पड़ गया कि उसे पुलिसकर्मियों की मार झेलनी पड़ी. आरोप है कि पुलिस कर्मी यहीं नहीं रुके, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने वाले विनीत को कथित तौर पर स्मैक-गांजे की तस्करी में जेल भेजने की तैयारी भी कर ली थी. लेकिन युवक के एक IPS दोस्त की दोस्ती काम आ गई और झूठे केस में फंसने विनीत बच गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दरअसल लखनऊ के एक चौहारे पर जब पुलिस टैक्सी ड्राइवर को पीट रही थी तभी वहां से गुजर रहे विनीत ने पुलिस का विरोध किया. लेकिन इसके बाद पुलिस ने विनीत को चौराहे पर पीटा, फिर लाठियों से पीटा और उसका मोबाइल भी तोड़ दिया. जब विनीत ने अपने आईपीएस दोस्त को फोन लगाया तब जा कर विनीत बच पाया है.

क्या है पूरा मामला?

इंदिरानगर के सी ब्लॉक निवासी विनीत पिछले 2 साल से दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी कर रहे हैं, जब वह मानकनगर थाना क्षेत्र के बाराबिरवा चौराहे पर दिल्ली के लिए बस पकड़ने पहुंचे, तब वे पानी खरीदकर दूकान से वापस आ रहे थे, तभी कुछ पुलिसकर्मी एक कैब टैक्सी चालक को पीट रहे थे.

जब विनीत ने इस बात का विरोध किया तो पुलिसकर्मी विनीत पर ही हावी हो गए और उसे पीटने लगे. यही नहीं उसे रेलवे ट्रैक के किनारे ले जाकर लाठियों से पीटा और फिर थाने में बैठाकर गांजे-स्मैक की तस्करी के आरोप में जेल भेजने की धमकी दी.

गनीमत रही की विनीत का एक दोस्त आईपीएस अफसर है जो मध्य प्रदेश में प्रशिक्षण पर है. पुलिस कस्टडी से विनीत ने अपने IPS दोस्त को फोन लगाया और आपबीती सुनाई. आईपीएस अफसर ने तुरंत लखनऊ के पुलिस अफसर को फोन कर विनीत को बेवजह पुलिस कस्टडी में बैठाकर जेल भेजने की बात बताई, इसके बाद जाकर विनीत को छोड़ा गया.

जब विनीत ने उन पुलिस वालों से कहा कि वो उनकी शिकायत करेगा तो उन पुलिस कर्मियों ने विनीत को डराते हुए कहा कि "कहीं शिकायत मत करना. ऐसा करोगे तो सिपाही भी तुम्हारे खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएंगे. पढ़ाई कर रहे हो, पढ़ाई करो. मुकदमा दर्ज होगा तो थाना- कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ जाओगे, पढ़ाई रुक जाएगी." थाने से छूटने के बाद निवीत ने लखनऊ में पूरे मामले की शिकायत डीसीपी पश्चिम से की है.

मामले में 2 पुलिस कर्मी सस्पेंड, ACP काकोरी को सौंपी गई जांच

जब इस मामले ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ा तो डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने मामले में संबंधित हेड कांस्टेबल गजेंद्र सिंह और कांस्टेबल अनमोल मिश्रा को सस्पेंड करते हुए पूरे मामले की जांच एसीपी काकोरी को सौंपी है. गंभीर आरोपों से घिरी थाने की पुलिस के आचरण और दुर्व्यवहार पर पर आला अधिकारी सवालों से बचते हुए नजर आए.

पीड़ित विनीत इस मामले में हुई कार्रवाई से ज्यादा खुश नहीं है. उनका कहना है की मौके पर 3 पुलिसकर्मी और थाने पर एक दरोगा ने बर्बरता की न सिर्फ हदे पार की बल्कि उसे स्मैक-गांजे के मामले में जेल भेज, उसकी जिंदगी बर्बाद करनी चाही. अगर ऐसा हो जाता तो उसका सिविल सर्विसेस करने का सपना अधूरा ही रह जाता.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×