उत्तराखंड (Uttarakhand) के चर्चित "रिसेप्शनिस्ट हत्याकांड" मामले में पुलिस ने स्थानीय पत्रकार आशुतोष नेगी को मंगलवार (5 मार्च) को गिरफ्तार कर लिया. उत्तराखंड के डीजीपी ने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वाली सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
उत्तराखंड के DGP ने क्या कहा?
हत्याकांड में आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा, "इस मामले में गिरफ्तार आशुतोष नेगी भी बिना किसी सबूत के झूठ फैला रहा था और उसकी संलिप्तता की भी जांच की जा रही है. इस मामले में पुलिसकर्मियों की भूमिका क्या है, यह भी जांच की जा रही है कि क्या वे ही अफवाहें फैलाने वाले हैं. जांच में दोषी पाए जाने पर उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी."
मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा आरोप पत्र दायर करने के बाद मामला अदालत में लंबित है. मामले में चल रही सुनवाई के बावजूद हर दिन भड़काऊ बयान देकर सरकार और पुलिस के प्रति अविश्वास की भावना पैदा करने की कोशिश की जा रही है.अभिनव कुमार, डीजीपी, उत्तराखंड
नेगी पहले से ही एससी/एसटी अधिनियम के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं और गिरफ्तारी के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई के बाद उनके खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया गया है.
डीजीपी ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड पुलिस को हत्याकांड की निष्पक्ष और निडर होकर जांच करने की पूरी छूट दी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जांच के दौरान कोई बाहरी दबाव नहीं था और मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया का पूरा समर्थन किया.
उन्होंने कहा, "उत्तराखंड पुलिस रिसेप्शनिस्ट को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और न्याय मिलने तक अपने प्रयास जारी रखेगी."
"जो भी लोग आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर सरकार पर अस्पष्ट आरोप लगा रहे हैं, वे या तो भावनाओं में बह रहे हैं या उनका अपना कोई एजेंडा है. हत्याकांड की जांच के दौरान उत्तराखंड पुलिस किसी भी दबाव में नहीं थी. हमें सरकार और मुख्यमंत्री का पूरा सहयोग मिला. राज्य पुलिस ने निष्पक्ष और साहसिक जांच की है."अभिनव कुमार, डीजीपी, उत्तराखंड
आशुतोष नेगी ने क्या कहा?
अपनी गिरफ्तारी से एक दिन पहले 4 मार्च को पत्रकार आशुतोष नेगी ने "एक्स" पर पोस्ट कर लिखा, "पुख्ता सूत्रों के हवाले से खबर, डीजीपी अभिनव कुमार के एसएसपी पौड़ी श्वेता चौबे को निर्देश किसी भी तरह आशुतोष नेगी को नई धाराएं जोड़ जेल में धरो, मेरे जेल में जाने के बाद भी अंकिता को न्याय दिलाने के लिये लड़ाई जारी रहे.
जय पहाड़-जय पहाड़ी
पहाड़वाद ज़िंदाबाद ."
हालांकि, पत्रकार आशुतोष नेगी का एक्स अकाउंट वेरिफाइड नहीं है. लेकिन उनके इस अकाउंट से मामले को लेकर कई पोस्ट किए गए हैं.
पत्रकार आशुतोष नेगी कौन हैं?
पत्रकार आशुतोष नेगी के बारे में अभी तक कोई विशेष जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन सोशल मीडिया साइट 'एक्स' के मुताबिक, वो "जागो उत्तराखंड" मीडिया नेटवर्क के संपादक हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक आशुतोष नेगी मृतका को न्याय देने की मांग करते नजर आए. जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले जा रही थी, उस वक्त पत्रकार आशुतोष के ने कहा, "ये लड़ाई जारी रहनी चाहिए."
रिसेप्शनिस्ट को न्याय दिलाने के लिए हो रहे आंदोलन में आशुतोष नेगी ने अब तक सक्रिय भूमिका निभाई है. उन्होंने केस में घोर लापरवाही बरतने और वीआईपी को बचाने के लिए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पौड़ी के पयासू गांव निवासी राजेश राजा कोली ने आशुतोष नेगी, दीप मैठाणी और एक अन्य पत्रकार के खिलाफ SC-ST एक्ट में मुकदमा कराया था. राजेश राजा कोली ने पौड़ी पुलिस को लिखित शिकायत दी थी, जिसके बाद पहले दीप मैठाणी और अब आशुतोष नेगी को गिरफ्तार कर लिया गया.
रिसेप्शनिस्ट के माता-पिता अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए श्रीनगर गढ़वाल में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.
पिछले दिनों रिसेप्शनिस्ट की मां का एक वीडियो सामने आया, जिसे उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष करन महरा ने शेयर किया था. अपने बयान में रिसेप्शनिस्ट की मां ने आरोप लगाया कि धामी सरकार ने मामले में उनकी मदद कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष नेगी के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया था और उनकी पत्नी का तबादला पिथौरागढ़ कर दिया गया था.
अगर नेगी के खिलाफ मामला जल्द ही वापस नहीं लिया गया और उनकी पत्नी का ट्रांसफर रद्द नहीं किया गया तो मैं अपनी जान दे दूंगी.मृतक रिसेप्शनिस्ट की मां
उत्तराखंड रिसेप्शनिस्ट हत्याकांड क्या है?
सितंबर 2022 में यमकेश्वर के गंगा भोगपुर क्षेत्र में वनंत्रा रिजॉर्ट में काम करने वाली रिसेप्शनिस्ट (19) की कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर ऋषिकेश के निकट चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी.
पुलकित आर्य बीजेपी से निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे हैं. पुलकित को झगड़े के बाद कथित तौर पर नहर में धक्का देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. मामले में दो और लोगों - अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को भी गिरफ्तार किया गया था.
मामले में आरोप लगा था कि किसी वीआईपी को 'एक्स्ट्रा सर्विस' देने से मना करने पर रिसेप्शनिस्ट की हत्या की गयी. घटना के बाद हुए आक्रोश के बीच रिजॉर्ट की चाहरदीवारी और कमरों की दीवारें तोड़ दी गयी थीं.
हत्याकांड के मुकदमे में जेसीबी चालक दीपक ने कोर्ट में दी अपनी गवाही में कहा था कि उसने विधायक रेनू बिष्ट और तात्कालीक एसडीएम के कहने पर रिजॉर्ट की चाहरदीवारी और दो कमरों की दीवारें और खिड़कियां तोड़ी थीं.
कांग्रेस ने पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के किसी जज की निगरानी में करने की मांग की है. वहीं, अंकिता के परिजनों ने मामले में बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाया है. मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने केस की जांच के आईपीएस पी. रेनुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था.
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