साइबर सिक्योरिटी फर्म कास्परस्की के अनुसार, साल 2021 में इनमें से करीब 3 लाख 80 हजार फाइलों का प्रतिदिन पता लगाया गया। जबकि साल 2022 में लगभग 122 मिलियन दुर्भावनापूर्ण फाइलों का पता लगाया है जोकि बीते साल की तुलना में 6 मिलियन ज्यादा है।
कास्परस्की में एंटी-मैलवेयर रिसर्च के प्रमुख व्लादिमीर कुस्कोव ने कहा कि इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि खतरे का विस्तार कितनी तेजी के साथ हो रहा है। यूजर्स के दैनिक जीवन में दिखाई देने वाले नए डिवाइस की संख्या को देखते हुए, संभव है कि अगले वर्ष हम प्रति दिन 4,00,000 दुर्भावनापूर्ण फाइलों का तो नहीं बल्कि आधा मिलियन का ही पता लगा पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इससे भी ज्यादा खतरनाक यह है कि मालवेयर-एज-ए-सर्विस के डेवलपमेंट के साथ कोई भी नौसिखिए जालसाज अब प्रोग्रामिंग में किसी तकनीकी ज्ञान के बिना डिवाइसों पर अटैक कर सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 की तुलना में कास्परस्की के शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रतिदिन 9,500 फाइलों को एन्क्रिप्ट करते हुए रैंसमवेयर की मात्रा में 181 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा साइबर सुरक्षा फर्म ने डाउनलोडर्स, दुर्भावनापूर्ण प्रोग्रामों में 142 प्रतिशत की बढ़ोतरी का पता लगाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कास्परस्की के विशेषज्ञों ने 2022 में विंडोज उपकरणों पर हमला करने वाली लगभग 3,20,000 दुर्भावनापूर्ण फाइलों की खोज की है। इसके अलावा कास्परस्की के विशेषज्ञों ने 2022 में हर दिन एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म को टारगेट करने वाली दुर्भावनापूर्ण फाइलों की हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
--आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
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