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UPSC की तैयारी कर रहे हैं? 3 IAS टॉपरों के ये टिप्स आ सकते हैं काम

हर साल करीब 1 हजार सीट के लिए लाखों कैंडिडेट सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी करते हैं और परीक्षाओं में बैठते हैं.

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हर साल करीब 1 हजार सीट के लिए लाखों कैंडिडेट सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी करते हैं और परीक्षाओं में बैठते हैं. ऐसे में भारी कंपीटिशन के बीच एग्जाम कैसे क्रैक करना है, ये UPSC टॉपरों से बेहतर कौन बता सकता है. 25 अगस्त को 2015 बैच की आईएसएस टॉपर (रैंक 1) इरा सिंघल, 2017 बैच की आईएएस टॉपर (रैंक 1) केआर नंदिनी और 2018 बैच की आईएएस टॉपर (रैंक 2) अनु कुमारी ने देश के कई हिस्सों से आए छात्रों को सिविल सर्विसेज एग्जाम पर टिप्स दिए.

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‘डाइनामाइट न्यूज यूपीएससी कॉन्क्लेव’ नाम के इस कार्यक्रम में करीब दो घंटे तक इन IAS ऑफिसर्स ने छात्रों के अलग-अलग सवालों का जवाब दिया. कार्यक्रम को डीडी न्यूज के पूर्व एंकर और वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल ने मॉडरेट किया.

IAS की तैयारी के लिए ग्रेजुएशन पर दें पूरा ध्यान: इरा सिंघल

2015 बैच की आईएसएस टॉपर (रैंक 1) इरा सिंघल कहती हैं IAS परीक्षा की तैयारी के लिए बेसिक्स का क्लियर होना बेहद जरूरी है. ग्रेजुएशन में सब्जेक्ट में पकड़ बनानी चाहिए, जिसका सीधा फायदा सिविल सर्विसेज के एग्जाम में होता है. सिंघल का ये भी कहना है कि अगर आप किसी क्षेत्रीय भाषा में एग्जाम देते हैं तो उस स्थिति में भाषा पर आपकी पूरी पकड़ होनी चाहिए, सब्जेक्ट चाहे कोई भी हो लेकिन भाषा और लिखावट से समझौता एग्जामिनर नहीं करता है. वहीं अगर आप अंग्रेजी में एग्जाम दे रहे हैं तो वहां पर आपको ग्रामर में थोड़ी छूट मिल सकती है.

कोचिंग की कुछ खास अहमियत नहीं: अनु कुमारी

2018 की सिविल सर्विसेज परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने अनु कुमारी कहती हैं कि कैंडिडेट के दिमाग में ये बैठ जाता है कि अगर वो कोचिंग नहीं करेंगे तो बाकियों से पीछे रह जाएंगे. अनु का कहना है कि तैयारी में कोचिंग की भूमिका कुछ खास नहीं होती है, हर चीज अब ऑनलाइन मौजूद है, सिर्फ तैयारी में लगन, समर्पण होना चाहिए. साथ ही लक्ष्य तय होना चाहिए.

खुद पर भरोसा, परीक्षा पास करने की अहम कड़ी: के आर नंदिनी

2017 बैच की आईएएस टॉपर केआर नंदिनी ये मानती हैं कि परीक्षा में तैयारी के साथ ही साथ अहम कड़ी है खुद पर भरोसा करना सीखना. नंदिनी का मानना है कि नाकामी मिलने के बाद कैंडिडेट खुद पर भरोसा करना कम कर देते हैं, लेकिन हर नाकामी ये सिखा देती है कि आखिर गलती कहां हुई थी. नंदिनी आगे कहती हैं फिर उन्हीं गलतियों से सीखकर अगली बार कामयाबी हासिल की जा सकती है.

कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सचिव और वरिष्ठ आईएएस संजय कोठारी भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि परीक्षार्थी को अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य पर लगातार नजर गढ़ाए रखनी चाहिए.

बता दें कि डाइनामाइट न्यूज यूपीएससी कॉन्क्लेव 2019 को दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में आयोजित किया गया था.

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