ट्विटर (Twitter) के नए मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने 4 मई की सुबह यह ट्वीट करके यह हलचल मचा दी कि अब ट्विटर की सर्विस मुफ्त में नहीं मिलने वाली है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ट्विटर प्लेटफॉर्म के कॉमर्शियल और सरकारी यूजर को इसके इस्तेमाल के लिए पैसे खर्च करने पड़ेंगे (Paid Twitter), पर ट्विटर साधारण यूजर के लिए हमेशा मुफ्त रहेगा.
यह खबर तो अब तब आप पढ़ चुके होंगे तो सोच रहे होंगे कि इसमें नया क्या है, तो नई जानकारी हम आपके लिए यह लाए हैं कि ट्विटर की कुछ सेवाओं को पेड करने का सब्सक्रिप्शन मॉडल (Twitter Subscription) एलन मस्क के दिमाग की उपज नहीं है. Twitter के इस सब्सक्रिप्शन मॉडल पर तो ट्विटर के को-फाउंडर व पूर्व सीईओ जैक डोर्सी (CEO Jack Dorsey) पांच साल पहले ही काम शुरू कर चुके थे.
जैक डोर्सी (Jack Dorsey) के समय में ही इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के रेवेन्यू में कमी के चलते पैसा कमाने के लिए सब्सक्रिप्शन मॉडल का ऑप्शन अपनाने की पूरी तैयारी थी. जैक डोर्सी ने इसके लिए तर्क दिया था कि ट्विटर की इनकम के मुख्य सोर्स विज्ञापन में कमी दर्ज होने के कारण कंपनी रेवेन्यू जेनेरेट करने के लिए इस पेड सब्सक्रिप्शन मॉडल के विकल्प को तलाश रही है.
साल 2020 के जुलाई महीने में सीएनएन ने इस बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि डेली एक्टिव यूजर (mDAU) में 186 मिलियन की वृद्धि दर्ज करने के बावजूद विज्ञापन राजस्व में गिरावट दर्ज की गई. इसलिए जैक डोर्सी ने कंपनी के सब्सक्रिप्शन मॉडल टेस्ट कराना शुरू कर दिया है. जैक डोर्सी ने उस समय प्रतिक्रिया देते हुए साफ किया था कि सब्सक्रिप्शन मॉडल के बारे में विचार चल रहा है, यानी कि एलन मस्क आज जिस पेड ट्विटर की बात कर रहे हैं, उसका प्लान उस समय इनीशियल स्टेज में था.
यह रहा पेड सब्सक्रिप्शन का पूरा मॉडल
The Verge ने इस सब्सक्रिप्शन मॉडल की और तहकीकात करके रिपोर्ट छापी थी, जिसके मुताबिक यूजर्स को एक खास सर्विस सुपर फॉलो (Super Follow) को एक्सेस करने के लिए ट्विटर को चार्ज देना होगा.
इस पेड सब्सक्रिप्शन सर्विस के अंतर्गत खास तरह के कंटेंट और हाई-प्रोफाइल एकाउंट की एक्सेस पाई जा सकेगी. इस सर्विस के जरिए Twitter कंटेंट क्रिएटर्स को जोड़कर कमाई का मौका देना चाहता था, साथ ही अपने रेवेन्यू में भी इजाफा चाहता था.
कंपनी ने इस प्लेटफॉर्म को ग्रिफॉन (Gryphon) कोडनेम दिया था. ग्रिफॉन के लिए ट्विटर ने न्यूयॉर्क में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए जॉब भी निकाली. इसके लिए एक नई टीम बनाई थी. ट्विटर की इस योजना का बाजार ने भी उस समय काफी अच्छा रिस्पांस दिया था. यह खबर सामने आने के बाद कंपनी के शेयरों में 8 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.
The Verge की रिपोर्ट के मुताबिक सुपर फॉलो सर्विस में कंटेंट क्रिएटर्स को अपने फॉलोअर से राशि लेने की छूट दी जा रही थी. वे प्रतिमाह 4.99 डॉलर (करीब 350 रुपये) के हिसाब से चार्ज कर सकते थे.
अपने ट्वीटर फॉलोअर्स को खास कंटेंट दिखाने और न्यूजलेटर देने के बदले वे हर महीने का यह पेमेंट मांग सकते थे. इसमें ट्विटर ने भी अपनी हिस्सेदारी का प्लान बनाया था. इस फीचर पर पराग के समय में भी काम चलता रहा, पर क्या इसे ही एलन मस्क लॉन्च करने की बात कर रहे हैं, इस बारे में फिलहाल पुख्ता तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता.
पांच साल पहले की बात क्यों; क्योंकि पहली कोशिश 2017 में हुई
ट्विटर ने अपनी पेड ऑफरिंग के लिए साल 2017 में भी एक प्रयास किया था. उस समय कंपनी ने यूजर्स को एक सर्वे और प्रिव्यू भेजा था, जिसमें यह बताया गया था कि वह पेड आधार पर ट्वीटडेक ऐप लाना चाहता है, जिसकी न्यूज अलर्ट और एनालिटिक्स वाली प्रीमियम ऑफरिंग इस प्रिव्यू के जैसे दिखाई देती हैं.
उम्मीद की जा रही है कि जिस पेड सर्विस का एलन मस्क जिक्र कर रहे हैं, वह ट्विटर को एडवरटाइजिंग और डेटा लाइसेंसिंग के अलावा रेवेन्यू जेनरेट करने के लिए और भी तरीकों की राह दिखा सकती है.
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