उत्तर प्रदेश के जनपद एटा (Etah) में 7 जुलाई को हुए एक विवाद को लेकर गांव के कुछ लोगों ने मिलकर 21 साल की लड़की को जिंदा जला दिया, जिसके बाद उसका अलीगढ़ अस्पताल में इलाज चल रहा था लेकिन 9 जुलाई की सुबह उसकी मौत हो गई. मामले में घटना के दिन शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया था लेकिन अब इस मामले में एफआईआर हुई है.
पूरा मामला जनपद एटा के थाना बागवाला क्षेत्र के ग्राम नगला निजाम का है, जहां पर 7 जुलाई को कुछ लोगों ने रात करीब एक बजे प्रीति नाम की लड़की को आग के हवाले कर दिया था. इससे प्रीति का शव 70 प्रतिशत तक जल गया था. घटना के बाद पीड़ित परिवार ने लड़की को एटा स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया था फिर अलीगढ़ रैफर कर दिया था.
लेकिन 9 जुलाई को सुबह लगभग 4 बजे इलाज के दौरान प्रीति की मौत हो गई थी. प्रीति के भाई ने बताया कि, "हमने पुलिस को शिकायती पत्र 7 तारीख की रात को अस्पताल में ही दिया था, जिसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई, 9 जुलाई को मेरी बहन की मौत हो गई जब हमने एटा फर्रुखाबाद मार्ग पर शव रख कर जाम किया तब जा कर हमारी FIR दर्ज हो पाई है."
प्रीति के भाई नीरज ने क्विंट को बताया कि, "घटना के दिन से लगभग एक हफ्ते पहले गांव में ही महिलाओं में आम को लेकर के कुछ विवाद हो गया था. विवाद उसी समय सुलझ भी गया था. लेकिन 7 जुलाई की रात हम लोग जब खेत में बने घर में सो रहे थे, तभी जिनके साथ विवाद हुआ था उस परिवार के अवधेश ने प्रीति को यह कहकर बाहर बुलाया कि 'तुम्हारे पापा की लड़ाई हो गयी है'...इसे सुनकर प्रीति तुरंत बाहर निकली और तभी रामेश्वर सुशील कुमार,अवधेश और अवनीश ने डीजल डाल करके उसे जला दिया. इसके बाद वे लोग भाग गए.
जब मौके पर सीओ सिटी पहुंचे थे तब हम लोगों ने शिकायत दी थी, लेकिन उन्होंने कहा तुम पहले इलाज करवाओ फिर हम देखते हैं. लेकिन आगे कोई कार्यवाही नहीं हुई.
इस मामले में एटा के एडिशनल एसपी धनंजय कुशवाह ने कहा है कि, प्राथमिक जांच में ये घटना संदिग्ध प्रतीत हो रही है, हमने FIR दर्ज की है जांच करने के बाद आरोपी गिरफ्तार किए जायेंगे.
इनपुट क्रेडिट - शुभम श्रीवास्तव
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