गाजियाबाद (Ghaziabad Lift Incident) में हाईराइज सोसायटी की लिफ्ट में तीन बच्चियों के फंसने का मामला सामने आया है. क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र की एसोटेक नेस्ट सोसाइटी में बुधवार, 31 नवंबर की देर शाम ये घटना घटी जिसमें तीनों बच्चियां करीब 24 मिनट तक फंसी रहीं. मामले में RWA अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ FIR भी दर्ज करवा दी गई है.
बच्चियों ने खुद लिफ्ट खोलने की कोशिश की
ये लिफ्ट 20 वें फ्लोर से आई और 11वें फ्लोर पर अटक गई. तीनों लड़कियां रोती रहीं, हाथ जोड़कर मिन्नतें करती रहीं और खुद से भी लिफ्ट खोलने की कोशिश कई बार की. जब कोई चारा नहीं दिखा तो 24 मिनट बाद लिफ्ट को मैनुअली तरीके से खोलकर तीनों बच्चियों को बाहर निकाला गया.
यहां 20वें फ्लोर पर फ्लैट में स्पोर्ट्स गुड्स कारोबारी शिवम गहलोत रहते हैं. इनकी 8 साल की बेटी तेजस्विनी क्लास 3 में पढ़ती है. तेजस्विनी अपनी फ्रेंड मिशीका और वैद्यही के साथ सोसायटी के पार्क में खेलने के लिए जा रही थी.
तीनों बच्चियां 20वें फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर पर आने के लिए लिफ्ट में सवार हुईं. ये लिफ्ट अचानक 11वें फ्लोर पर आकर अटक गई. लिफ्ट की लाइट चालू थी, इसके बावजूद वो काम नहीं कर रही थी. न गेट खुल पा रहा था और न ही वो नीचे बढ़ पा रही थी. लिफ्ट की CCTV फुटेज में साफ दिख रहा है कि तीनों बच्चियों ने हाथ से भी लिफ्ट को खोलने को खोलने की कोशिश की. उन्होंने खूब मशक्कत भी की, लेकिन नाकामयाबी मिली.
एक लड़की थक हारकर निराश हो गई तो बाकी दो लड़कियां हाथ जोड़कर ईश्वर से प्रार्थना करते दिख रही हैं. इधर, जब अन्य रेजिडेंट्स को लिफ्ट की जरूरत पड़ी, तब उन्हें पता चला कि वो 11वें फ्लोर पर अटकी हुई है. इसके बाद मेंटेनेंस टीम मौके पर आई और लिफ्ट को खोलने के प्रयास शुरू किए. करीब 24 मिनट बाद लिफ्ट को मैनुअल खोलकर तीनों बच्चियों को बाहर निकाला गया.
स्पोर्ट्स गुड्स कारोबारी शिवम गहलोत ने बताया, इस मामले की सूचना मिलते ही वे सोसाइटी में पहुंचे. तीनों बच्चियां बुरी तरह घबराई हुई थीं. वे लगातार रोए जा रहीं थी. इस घटना के बाद बाकी बच्चे भी लिफ्ट में जाने से घबरा रहे हैं.
RWA अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ FIR
शिवम गहलोत ने इस मामले में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) अध्यक्ष चित्रा चतुर्वेदी और सचिव अभय झा के खिलाफ क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में बुधवार देर रात एक FIR करवाई है. आरोप है कि लिफ्ट मेंटेनेंस के नाम पर हर साल करीब 25 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं, इसके बावजूद आए दिन ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं. रेजिडेंट्स लगातार शिकायत करते हैं, फिर भी लिफ्ट की दिक्कतें दूर नहीं हो पा रही हैं.
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