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Gopalganj By Election Results: आज चुनावी नतीजे बताएंगे तेजस्वी-नीतीश पास या फेल?

Gopalganj By Election: इस बार स्थिति बदली है. बीजेपी और जेडीयू साथ नहीं हैं जबकि आरजेडी को महागठबंधन का समर्थन है.

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बिहार (Bihar) में गोपालगंज (Gopalganj By Election) विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का परिणाम आज 6 नवंबर को आने वाले हैं. यह उपचुनाव इसलिए दिलचस्प है क्योंकि इस बार बीजेपी और जेडीयू साथ नहीं हैं. गोपालगंज विधानसभा सीट पर बीजेपी विधायक सुभाष सिंह के निधन के बाद उपचुनाव हुए हैं.

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बीजेपी-आरजेडी में टक्कर

बीजेपी की ओर से दिवंगत नेता सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी चुनावी मैदान में हैं. वहीं, आरजेडी की ओर से मोहन गुप्ता उन्हें टक्कर दे रहे हैं, जिन्हें राज्य की सत्ताधारी महागठबंधन के सातों दलों का समर्थन मिला है. इसके अलावा बीएसपी की ओर से इंदिरा यादव मैदान में हैं जो राबड़ी देवी के भाई और गोपालगंज के पूर्व सांसद साधु यादव की पत्नी हैं. वह इस विधानसभा सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं, इससे पहले 2005 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुकी हैं.  

कितने फीसदी वोट पड़े?

गोपालगंज में कुल 3 लाख 30 हजार 978 वोटर हैं. जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 67 हजार 787 है. जबकि महिला मतदाताएं 1 लाख 63 हजार 180 हैं. गुरुवार, 3 नवंबर को उपचुनाव में 51.48 प्रतिशत वोटिंग हुई. साल 2020 के चुनाव में  55.03 प्रतिशत वोट पड़े थे. वहीं 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान 56.68 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले थे.

बता दें कि गोपालगंज में सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. करीब  65,000 मुस्लिम वोटर हैं. इसके बाद सबसे ज्यादा राजपूत मतदाता जो 49,000 के करीब हैं.  47,000 यादव मतदाता, 38,000 वैश्य, ब्राह्मण मतदाता करीब 35,000 हैं. कोइरी-कुर्मी वोटर भी करीब 16,000 की संख्या में हैं. 11,000 के करीब भूमिहार वोटरों पर भी उम्मीदवारों की नजर रहेंगी.

ऐसे तो गोपालगंज में मुस्लिम वोटर सबसे ज्यादा हैं, लेकिन 2005 से ही इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. लेकिन इस बार स्थिति बदली हुई है. बीजेपी और जेडीयू साथ नहीं है, जबकि आरजेडी को महागठबंधन का समर्थन है.

गोपालगंज विधानसभा सीट का परिणाम बिहार की राजनीति के कुछ सावलों के जवाब दे सकता है जैसे क्या आरजेडी और जेडीयू के गठबंधन को जनता पसंद कर रही है या नहीं? क्या नीतीश कुमार के बिना बीजेपी कितनी मजबूत रहेगी?

चुनावी गणित समझिए

अगर गोपालगंज में मुस्लिम वोटरों, यादव वोटर और नीतीश कुमार के कोइरी-कुर्मी वोटर को जोड़ दें तो साफ नजर आता है कि गोपालगंज की रेस में राष्ट्रीय जनता दल आगे है. वहीं इस बार आरजेडी ने मोहन गुप्ता को टिकट देकर वैश्य समाज को भी साधने की कोशिश की है.

लेकिन जब इन आकड़ों और बिहार की राजनीति की गहराई में जाएं तो दिखता है कि चुनावी मैदान में औवैसी की एआईएआईएम आरजेडी के मुस्लिम वोटों में सेंध लगाने के लिए उतरी है. उधर बीएसपी ने साधु यादव की पत्नी को टिकट दिया है जो यादवों का वोट काटेंगी. ऐसे में गोपालगंज उपचुनाव की रेस कांटे की टक्कर साबित हो रहा है.

पिछले 10 चुनावों के नतीजे

गोपालगंज में 2005 से बीजेपी जीत दर्ज करते आ रही है. 2020 में बीजेपी के सुभाष सिंह ने जीत दर्ज की थी, सुभाष सिंह को लगभग 77,791 वोट मिले वहीं बीएसपी के अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव को लगभग 41,000 वोट मिले थे और महागठबंधन उम्मीदवार के तौर पर उतरे आसिफ गफूर को लगभग 36,000 वोट ही मिल पाए थे.

वहीं 2015 के चुनावों के दौरान भी बीजेपी के सुभाष सिंह को लगभग 78000 से ज्यादा वोट मिले थे, आरजेडी के उम्मीदवार रियाजुल हक 'राजू' को लगभग 73000 वोट मिले थे.

2010- सुभाष सिंह, बीजेपी

2005- सुभाष सिंह, बीजेपी

2000- अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव, आरजेडी

1995- रामअवतार, जनता दल

1990- सुरेंद्र सिंह, जनता दल

1985- सुरेंद्र सिंह, निर्दलीय

1980- काली प्रसाद पांडे, निर्दलीय

1975- राधिका देवी, जनता पार्टी

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