गुजरात विधानसभा ने विधायकों, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विपक्ष के नेताओं की सैलेरी में कम से कम 45,000 रुपये महीना बढ़ाने वाले एक विधेयक को लागू कर दिया है.
विधायकों के मासिक वेतन में 64 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, जिसके बाद उन्हें 70,727 रुपये की जगह 1.16 लाख रुपये मिलेंगे. इसके अलावा, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की सैलेरी 86,000 रुपये से बढ़कर 1.32 लाख रुपये हो जएगी. इसमें 54 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
बदली हुई सैलेरी फरवरी 2017 से प्रभावी होगी, जिसमें बकाया राशि में छह करोड़ रुपये का वितरण होगा. नई वेतन संरचना राज्य सरकार पर सालाना 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ डालेगी.
विधेयक को सदन में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने पेश किया. विधेयक पेश करने के बाद, जडेजा ने सदन को बताया कि 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में विधायकों की सैलेरी में 2005 से बढ़ोतरी नहीं हुई थी, जबकि दूसरे राज्यों में सैलेरी बहुत ज्यादा है.
उदाहरण के लिए, उत्तराखंड, तेलंगाना, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विधायकों की सैलेरी क्रमश: 2.91 लाख, 2.50 लाख, 2.25 लाख और 2.13 लाख रुपये है.
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