हरियाणा (Haryana) के नूंह में हिंसा (Nuh Violence) के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं. जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटता दिख रहा है. इसके मद्देनजर प्रशासन ने जिले में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी है. इसके साथ ही दो दिनों के लिए कर्फ्यू में 14 घंटे की ढील भी दी गई है. बता दें कि नूंह में 31 जुलाई को धार्मिक शोभायात्रा के दौरान दो समुदाय भिड़ गए थे, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में दो होमगार्ड सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी.
कर्फ्यू में 14 घंटे की ढील
नूंह जिला प्रशासन लगातार स्थिति सामान्य करने में जुटा है. जिलाधिकारी ने 14 और 15 अगस्त को कर्फ्यू में ढील दी है. सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक लोग रोजमर्रा के जरूरी सामान लेने के लिए अपने घरों से बाहर निकल सकते हैं. लोगों की आवाजाही पर छूट रहेगी. बता दें कि हिंसा के बाद नूंह में कर्फ्यू लगा दी गई थी. जिसमें पिछले कुछ दिनों से हल्की-हल्की ढील दी जा रही थी. अब प्रशासन ने 14 घंटों की छूट दी है.
इंटरनेट सेवा बहाल
हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया गया है. नूंह में सोमवार से फिर इंटरनेट सेवाएं शुरू कर दी गई हैं. बता दें कि प्रशासन ने सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया था. ये प्रतिबंधन 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद से 13 अगस्त तक जारी रहा.
प्रशासन की तरफ से सोशल मीडिया पर निगरानी जारी रखी जाएगी. किसी भी तरह के विवादित पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए गए थे. जिसे बाद में हालात में सुधार के बाद खोल दिया गया था.
28 अगस्त को फिर होगी शोभायात्रा
इधर नूंह में 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद नूंह-पलवल बॉर्डर पर पलवल जिले के पोंडरी गांव में रविवार को हिंदू संगठनों के सर्वजातीय 52 पालों की महापंचायत आयोजित हुई. इसमें विश्व हिंदू परिषद (VHP) की बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा को 28 अगस्त को निकालने की घोषणा की गई.
पंचायत में यह भी निर्णय लिया गया कि यात्रा नूंह के नाल्हर से शुरू होगी और फिर फिरोजपुर झिरका के झिर और जिले के सिंगार मंदिरों से होकर गुजरेगी.
इसके अलावा सर्व जातीय महापंचायत में 10 मांगों को सूचीबद्ध किया गया, जिसमें नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की मांग भी शामिल है.
ये मांगें भी उठाई गई:
हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 1 करोड़ रुपये और घायलों के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग
नूंह जिले को भंग किया जाना चाहिए
नूंह को गोहत्या मुक्त जिला बनाया जाए
नूंह में अर्धसैनिक बल का मुख्यालय स्थापित करने की मांग
नूंह और पलवल के लोगों को आत्मरक्षा के लिए हथियार उपलब्ध कराने की मांग
नूंह हिंसा से संबंधित मामलों को गुरुग्राम या अन्य जिलों में स्थानांतरित करने की मांग
रोहिंग्या समेत सभी विदेशियों को नूंह जिले से हटाने की मांग
कांग्रेस के विधायक मामन खान के गिरफ्तारी की मांग
इन मांगों के अतिरिक्त नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा में मारे गए लोगों को याद करते हुए महापंचायत में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया.
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