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HDFC LTD और HDFC बैंक का क्यों हो रहा विलय? ग्राहकों पर कितना असर पड़ेगा?

HDFC LTD और HDFC Bank के वियल के बाद इनका मार्केट कैप 14.37 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा.

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1 जुलाई, 2023 को HDFC LTD और HDFC बैंक का विलय (मर्जर) होने जा रहा है, एचडीएफसी लिमिटेड का एचडीएफसी बैंक में विलय होगा. इसे अब तक का सबसे बड़ा विलय बताया जा रहा है, देश का सबसे बड़ा निजी बैंक HDFC और HDFC बैंक LTD के वियल के बाद इनका मार्केट कैप 14.37 लाख करोड़ रुपये (Market Cap) का हो जाएगा.

लेकिन इनका विलय क्यों हो रहा है? इससे शेयरधारकों और बैंक के ग्राहकों का क्या फायदा-नुकसान होगा? HDFC के कर्मचारियों का इस पर क्या असर पड़ेगा?

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HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि, "HDFC के किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी, जिनकी उम्र 60 साल से कम है उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाएगा और न ही किसी के वेतन में से कटौती होगी. HDFC बैंक को HDFC LTD के कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी क्योंकि बैंक वालों को घर खरीदने के लिए दिए जाने वाले कर्ज के काम की जानकारी कम है."

HDFC के सीईओ केकी मिस्त्री ने बताया कि, "HDFC बैंक और HDFC LTD दोनों का काम अलग-अलग है. HDFC बैंक हाउसिंग (घर, फ्लैट) के अलावा बैंकिंग का सारा काम जानता है और HDFC LTD केवल हाउसिंग का ही काम जानता है."

दोनों बैंकों का क्यों हो रहा है विलय?

  • दोनों बैंकों के विलय को काफी समय तक छिपा कर रखा गया था. जब अप्रैल 2022 में दोनों कंपनियों के विलय की बात हुई तब समय विलय के अनुकूल था. दोनों का विलय होने पर कैपिटल बढ़ जाती और इसके लिए उन्हें नियमानुसार, सीआरआर और एसएलआर रिजर्व के रूप में ज्यादा रखना होता, फायदा ये है कि तब ब्याज दरों में बड़ी गिरावट थी जो इनके लिए फायदेमंद साबित हो सकती थी.

  • वहीं HDFC Ltd की लीडरशिप में बैठे लोगों की उम्र ज्यादा थी यानी कि जल्द ही उत्तराधिकारी की जरूरत पड़ती, लेकिन अब विलय होने से उत्तराधिकारी की जरूरत नहीं पड़ेगी.

  • दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DHFL) के फेल होने के बाद रिजर्व बैंक ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनी और गैर बैंकिंग कंपनियों के लिए नियम कड़े कर दिए थे. जो नियम बैंक पर लागू हो रहे थे लगभग वही इन हाउसिंग फाइनेंस कंपनी पर लागू किए गए थे. इसके बाद एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी का बैंक में परिवर्तित न होना उसके लिए फायदेमंद नहीं बचा था.

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विलय से दोनों कंपनी को मिलेगा फायदा

विलय के बाद ये कंपनी का नाम HDFC बैंक रहेगा. विलय होने से दोनों का ही फायदा होगा, जैसा कि HDFC के सीईओ मिस्त्री ने समझाया, एक बैंक प्रणाली का हिस्सा है और एक हाउसिंग फाइनेंस का हिस्सा.

वित्त वर्ष 2023 में HDFC Ltd का नेट प्रोफिट 16,239 करोड़ रुपये रहा वहीं HDFC बैंक का 44,108 करोड़ रुपये रहा.

विलय से एचडीएफसी लिमिटेड को अधिक फायदा होगा क्योंकि इसे कम प्रोफिट होता है, इसके ग्राहकों में बढ़ोतरी होगी और फंडिंग लागत में कमी आने की उम्मीद है. वहीं विलय की वजह से एचडीएफसी बैंक को कज्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में अपना विस्तार करने में मदद मिलेगी.
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शेयरधारकों का क्या होगा?

HDFC के सीईओ केकी मिस्त्री ने बताया कि, "HDFC के शेयर की डीलिस्टिंग 13 जुलाई से इफेक्टिव हो जाएगी, यानी इस तारीख से हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज से हट जाएंगे. फिर विलय हुई कंपनी के शेयर 17 जुलाई से ट्रेड होंगे. विलय के जरिए HDFC को HDFC बैंक में 41% हिस्सेदारी मिलेगी.

HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के विलय के तहत निवेशकों को HDFC के 25 शेयर्स के बदले HDFC बैंक के 42 शेयर्स दिए जाएंगे.

बता दें कि, इस से एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों पर कोई सीधा असर नहीं पड़ने वाला है.

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