देश की किसी भी आपदा में सबसे पहले पहुंचने वाले नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) ने अपनी स्थापना के बाद से अबतक के 12 साल में 1,14,492 लोगों की जानें बचाई है. फोर्स ने बाढ़ और दूसरी आपदाओं से घिरे 5,52,857 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. मॉनसून के इस मौसम में अब भी देश के 26 राज्यों के 57 स्थानों पर 74 NDRF की टीमें तैनात हैं.
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जब भी आप बाढ़, बारिश या दूसरी किसी आपदा की खबर सुनते होंगे वहां राहत बचाव के काम में NDRF की टीम सबसे पहले तैनात होती है. ऐसे में जानते हैं NDRF के बारे में 10 बड़ी बातें-
- देश की किसी भी आपदा से निपटने के लिए इस फोर्स NDRF का गठन 2006 में किया गया था
- NDRF 12 बटालियनों में प्रत्येक में 1,149 कर्मी हैं और सभी प्रकार की आपदाओं से निपटने में सबसे आगे हैं. हर बटालियन में 45 जवान समेत 18 स्पेशलिस्ट की टीम है
- फोर्स के पास कई आपदाओं से निपटने के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के 310 तरह के इंस्ट्रूमेंट्स हैं
- अपनी स्थापना से लेकर इस साल जून तक NDRF ने 2,095 अभियान चलाए हैं, जिनमें आपदाओं में घिरे 1,14,492 लोगों की जानें बचाई है.
- NDRF ने देशभर में बाढ़ और दूसरी आपदाओं से घिरे 5,52,857 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है और 3,352 शवों को निकाला है.
- NDRF ने अबतक 5,268 सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम किया, जिससे 51,75,537 लोगों को फायदा पहुंचा है. स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 1524 कार्यक्रम किए गए, जिसमें 6,44,225 छात्र-छात्राओं ने आपदा आने की स्थिति में इससे निपटने के गुर सीखे हैं.
- फोर्स ने अबतक 1,714 ऑर्टिफिशिएल प्रैक्टिस 'मॉक एक्सरसाइज' आयोजित किए, जिसमें 8,07,307 लोगों ने आपदा से निपटने के गुर सीखे
- NDRF के महानिदेशक संजय कुमार का कहना है कि "आमतौर पर एनडीआरएफ का काम आपदा आने के बाद शुरू होता है, लेकिन हमने इस धारणा को बदला है और आपदाओं से निपटने में लोगों की जागरूकता के महत्व को बताया है''
- कुमार का कहना है कि NDRF की टीम पूरी तरह आत्मनिर्भर है. वो किसी अचानक हुई आपदा की सूचना मिलने के 30 मिनट के भीतर घटनास्थल के लिए रवाना हो सकती है
- NDRF के महानिदेशक का मानना है कि भारत में भूकंप, बाढ़ और भवन गिरने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. पूरे देश को लोगों के जरिए होने वाले और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ट्रेनिंग देने की जरूरत है.
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