ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली हिंसा में 6.5 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा  

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के पीड़ितों को दिल्ली सरकार ने अभी तक 6 करोड़ 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के पीड़ितों को दिल्ली सरकार ने अभी तक 6 करोड़ 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया है. मुआवजा पाने वालों में हिंसा में मारे गए 36 व्यक्तियों के परिजन भी शामिल हैं. दिल्ली सरकार ने 24 से 26 फरवरी के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली सरकार के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा,

“अभी तक 309 ऐसे दुकानदारों को पूरा मुआवजा दिया जा चुका है, जिनकी दुकानें इस हिंसा में नष्ट कर दी गईं. दुकानों के अलावा 78 मकान मालिकों को और इनमें रहने वाले किरायेदारों को भी पूरा मुआवजा दिया जा चुका है. इन 78 घरों को उपद्रवियों ने जला दिया या लूट लिया था”
दिल्ली सरकार ने 33 गंभीर रूप से घायल लोगों को भी मुआवजा दिया है. ई-रिक्शा, स्कूटी के लिए भी अभी तक मुआवजा दिया गया है. सरकार का कहना है कि अभी तक अंतरिम और पूर्ण मुआवजा मिलाकर 6 करोड़ 50 लाख रुपये भुगतान किया जा चुका है.

दिल्ली सरकार के मुताबिक, जिन स्कूलों में 1000 छात्रों तक नामांकन है, उन्हें 5 लाख रुपये का मुआवजा और 1000 से ज्यादा छात्रों के नामांकन वाले स्कूलों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा राशि मंजूर की गई है. स्कूलों के नुकसान का आकलन अभी किया जा रहा है.

दिल्ली कैबिनेट के फैसले के अनुसार,

आवासीय संपत्ति के घरेलू नुकसान के लिए प्रत्येक मंजिल के मालिक को 4 लाख और उस तल पर रहने वाले किरायेदार को 1 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा.

इसी तरह, पर्याप्त क्षति के मामले में, पहले 2.5 लाख रुपये (मालिक को 2 लाख रुपये और किरायेदार को 50,000 रुपये) का मुआवजा दिया जा रहा था. अब मुआवजा प्रत्येक मंजिल के मालिक को नुकसान के लिए 2 लाख रुपये और घरेलू वस्तुओं के नुकसान के लिए 50,000 रुपये उस मंजिल के रहने वाले के बीच बांटे किए जाएंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मंत्रिमंडल ने हाउसिंग यूनिट को मामूली नुकसान के लिए निर्धारित मुआवजा राशि 15,000 से बढ़ाकर 25,00 हजार करने का भी फैसला किया. घरेलू सामानों के नुकसान के एवज में हर मंजिल के लिए 25,000 रुपये भी तत्काल जारी किए जाएंगे और यह राशि किरायेदारों के बीच बांटी जाएगी

इसके अलावा, एसडीएम द्वारा क्षेत्र में दौरे के दौरान कुछ अवलोकन किए गए थे, जिसमें आवासीय इकाइयों में आग नहीं लगाई गई थी, लेकिन उपद्रवियों ने उसमें लूटपाट की थी. बिना किसी बीमा वाले वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में चोरी और बर्बरता के कई उदाहरण भी सामने आए थे, जिसमें आग नहीं लगी थी या संपत्ति को गंभीर नुकसान नहीं हुआ था. 

फैसला लिया गया है कि आवासीय इकाइयों में पूर्ण चोरी, लूटपाट और बर्बरता के मामलों के लिए 1 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा. आंशिक लूटपाट और चोरी के लिए 50,000 रुपये दिए जाएंगे. 28 फरवरी 2020 को पारित कैबिनेट फैसले को बदलते हुए बिना किसी इंश्योरेंस वाले वाणिज्यिक संपत्ति में लूट और चोरी को नुकसान की श्रेणी में शामिल करने का निर्णय लिया गया. हालांकि, ऐसे सभी मामलों में, एफआईआर की एक कॉपी देना अनिवार्य होगा.

यह भी पढ़ें: दिल्ली हिंसा:अंकित शर्मा मर्डर केस में सलमान नाम का शख्स गिरफ्तार

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×