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Aadhaar वेरिफिकेशन के लिए अब जरूरी होगी चेहरे की पहचान

UIDAI ने आधार के किसी भी तरह के इस्तेमाल के लिए चेहरे की पहचान (फेस रिकग्निशन) को जरूरी बना दिया है.

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UIDAI ने आधार के किसी भी तरह के इस्तेमाल के लिए चेहरे की पहचान (फेस रिकग्निशन) को जरूरी बना दिया है. ऐसे में अब मोबाइल सिम लेने, बैंकों में और जहां-जहां आधार के वेरिफिकेशन की जरूरत होती है वहां चेहरे की पहचान भी जरूरी होगी. फिलहाल, ये सत्यापन उंगलियों के निशान और आंखों की पुतली (आइरिस) के जरिए किया जाता है, अब इसके लिए 'लाइव फोटो' के जरिए चेहरे के मिलान की भी जरूरत होगी.

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टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इस नए फीचर को कई स्टेप में लागू किया जाएगा. शुरुआत में इसे सिम लेने के लिए जरूरी बनाया गया है, UIDAI ने इसे लागू कराने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश भी भेज दिए हैं. 15 सितंबर से सिस्टम लागू हो जाएगा.

इसी साल जनवरी में जब UIDAI ने चेहरे के जरिए आधार के वेरिफिकेशन को मंजूरी दी थी, तब संस्था का कहना था कि जिन लोगों के अंगुलियों के निशान ज्यादा उम्र की वजह से या दूसरे कारणों से धुंधले पड़ जाते हैं, उस स्थिति में बायोमीट्रिक तरीके से वेरिफिकेशन में दिक्कत आती है , अब नई सुविधा में इससे छुटकारा मिल जाएगा.

आइए जानते हैं, आधार के इस नए फीचर से जुड़े कुछ सवालों के जवाब

किस-किस सर्विस के लिए होगा इस्तेमाल?

  • 15 सितंबर से इसकी शुरुआत सिम के वेरिफिकेशन के लिए शुरू कर दी जाएगी.
  • बैंकों में आधार के वेरिफिकेशन के लिए
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लिए वेरिफिकेशन में
  • सरकारी ऑफिसों में अटेंडेंस के लिए

क्या ये सिर्फ एक बार ही कराना होगा?

जब-जब आपको किसी सर्विस के लिए आधार के वेरिफिकेशन की जरूरत होगी, हर बार चेहरे का मिलान कराना होगा.

चेहरे का मिलान आखिर होगा कैसे?

उदाहरण के तौर पर अगर आप सिम लेने जा रहे हैं, तो आपकी ‘लाइव फोटो’ कैप्चर की जाएगी, जिसका मिलान आधार के वक्त ली गई आपकी तस्वीर से की जाएगी. ऐसा ही दूसरी सेवाओं में भी किया जाएगा.

क्या उम्र की वजह से या चेहरे में बदलाव की वजह से दिक्कत आएगी?

टाइम्स ऑफ इंडिया को UIDAI की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, इस प्रक्रिया को हर चीज ध्यान में रखकर बनाया गया है, चेहरे में सामान्य बदलावों का वेरिफिकेशन पर असर नहीं होगा.

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