कोरोना लॉकडाउन के चौथे फेज (18-31 मई) के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन्स में 'आरोग्य सेतु' ऐप को लेकर एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. दरअसल इन गाइडलाइन्स में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप 'आरोग्य सेतु' के इस्तेमाल की अनिवार्य शर्त को नरम कर दिया गया है.
बता दें कि कोरोना संकट से निपटने में मदद के लिए इस ऐप को नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर ने डिवेलप किया है.
17 मई जारी हुईं नई गाइडलाइन्स में कहा गया है, ‘’कार्यालयों और कार्यस्थलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सर्वोत्तम कोशिश के आधार पर एप्लॉयर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आरोग्य सेतु उपयुक्त मोबाइल फोन रखने वाले सभी कर्मचारी इन्स्टॉल करें.’’
गाइडलाइन्स में आगे कहा गया है, ''डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटीज लोगों को उपयुक्त मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु इन्स्टॉल करने और ऐप पर अपने हेल्थ स्टेटस को लगातार अपडेट करने की सलाह दे सकती हैं.''
हालांकि, लॉकडाउन के तीसरे फेज (4-17 मई) के लिए 1 मई को गृह मंत्रालय ने जो गाइडलाइन्स जारी की थीं, उनमें कहा गया था, ‘’प्राइवेट और सरकारी, दोनों तरह के कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल अनिवार्य होगा. कर्मचारियों के बीच इस ऐप का 100 फीसदी कवरेज सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ऑर्गनाइजेशन के हेड की होगी.’’
अनिवार्य इस्तेमाल की शर्त को कोर्ट में दी गई थी चुनौती
'आरोग्य सेतु' ऐप के अनिवार्य इस्तेमाल की शर्त की संवैधानिक वैधता को केरल हाई कोर्ट में कई याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी थी.
लाइव लॉ के मुताबिक, इन याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि अनिवार्यता की शर्त बेवजह और मनमानी है क्योंकि सभी कर्मचारियों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं.
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना था कि याचिकाकर्ताओं ने 'वैध चिंता' को उठाया है और केंद्र से इस मामले पर जवाब मांगा था. कोर्ट ने 'आरोग्य सेतु' ऐप को लेकर प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं पर भी केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी थी.
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