भारतीय सेना (Indian Army) में अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को लागू किए जाने के बाद देशभर से सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवा सड़क पर आ गए हैं. प्रदर्शनकारी युवाओं की तरफ से जगह-जगह ट्रनों को फूंका जा रहा है. सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. अग्निपथ की आंच अब देश के 21 राज्यों तक फैल गई है. भविष्य को लेकर चिंतित नौजवान अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और नियमित भर्ती की गारंटी मांग रहे हैं. 18 जून को भी देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए. आइए एक नजर आज के बड़े अपडेट्स पर डालते हैं.
अग्निपथ की आग 21 राज्यों में फैली
अग्निपथ योजना के विरोध की आग अब उत्तर-पूर्व के कुछ छोटे राज्यों को छोड़ करीब-करीब पूरे देश में फैल गई है. गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र, पंजाब, कर्नाटक और केरल में प्रदर्शनकारियों के शनिवार को सड़क पर उतरने के साथ 21 राज्य विरोध की चपेट में आ गए हैं. अग्निपथ की आंच से सबसे ज्यादा प्रभावित बिहार, यूपी, राजस्थान और हरियाणा हैं.
राजस्थान मंत्रिपरिषद ने किया प्रस्ताव पारित, सरकार वापस ले अग्निपथ योजना
राजस्थान राज्य मंत्रिपरिषद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है कि व्यापक जनहित और युवाओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अग्निपथ योजना को वापस लिया जाना चाहिए. ऐसे में राजस्थान देश में पहला ऐसा राज्य बना गया है, जिसने केन्द्र के इस निर्णय के खिलाफ अधिकृत तरीके से प्रस्ताव पारित किया है.
कोटा में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 18 जुलाई तक धारा 144 लागू
राजस्थान के कोटा जिले में शांति, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 18 जुलाई तक धारा 144 लागू कर दी गई है. ये जानकारी कोटा जिलाधिकारी हरि मोहन मीणा ने दी है.
बिहार ने ट्रेन सेवाएं रोकी
बिहार में 'अग्निपथ' सैन्य भर्ती योजना को लेकर प्रदर्शनकारी सबसे ज्यादा ट्रेनों को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में अधिकारियों ने घोषणा की कि बिहार में आज रात 8 बजे तक ट्रेन सेवाएं बंद कर दी गई हैं और कल, रविवार की सुबह 4 बजे से शाम 8 बजे तक फिर से इसे रोका जायेगा.
अग्निपथ के विरोध में कांग्रेस करेगी सत्याग्रह
कांग्रेस पार्टी के नेता अग्निपथ योजना के विरोध में सत्याग्रह करेंगे. पार्टी की ओर से बताया गया है कि कल यानी रविवार को सुबह 11 बजे से जंतर मंतर पर कांग्रेस के नेता विरोध प्रदर्शन करेंगे.
अग्निवीर के लिए CRPF, असम राइफल्स में 10% आरक्षण: गृह मंत्रालय
अग्निपथ योजना को लेकर चिंताओं को दूर करने की कोशिशों के तहत गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CRPF) और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियों को ‘अग्निवीरों’ के लिए आरक्षित करने की घोषणा की है. इसके अलावा ऊपरी उम्र सीमा में भी तीन साल की छूट देने की घोषणा की गई है.
हिंसा में शामिल अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगा पुलिस क्लीयरेंस: वायु सेना प्रमुख
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने अग्निपथ योजना को सकारात्मक कदम बताते हुए उपद्रवियों को चेताया है. उन्होंने कहा कि हम इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं. सेना में भर्ती का अंतिम चरण पुलिस सत्यापन होता है. हिंसा में शामिल अभ्यर्थियों को पुलिस से क्लीयरेंस नहीं दिया जाएगा. जिस किसी को इस योजना से आपत्ति है, वह नजदीकी सैन्य ठिकाने, वायु सेना या नौसेना अड्डे पर अपनी आशंकाएं दूर कर सकते हैं.
सशस्त्र बलों में परिवर्तनकारी सुधार जारी: थलसेना प्रमुख
थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि सशस्त्र बलों में आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए मानव संसाधन प्रबंधन और क्षमता विकास जैसे अन्य क्षेत्रों में परिवर्तनकारी सुधार जारी हैं. थलसेना प्रमुख ने कहा कि भारत का सुरक्षा परिदृश्य विशाल, जटिल और बहुआयामी है. हमारी संवेदनशील सीमाएं और समान रूप से चुनौतीपूर्ण आंतरिक सुरक्षा खतरों के लिए बहुत उच्च स्तर की अभियानगत तैयारियां जरूरी हैं.
अग्निपथ के विरोध में हो रही हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
अग्निपथ योजना के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन और रेलवे सहित सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान की जांच के लिए SIT के गठन की मांग की गई है. इस संबंध में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई. याचिका में मांग की गई है कि सरकार को SIT गठित करने के निर्देश दिए जाएं.
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