कांग्रेस (Congress) ने सोमवार 27 जून को अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के खिलाफ देश भर के 3,500 से अधिक विधानसभा मुख्यालयों में राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह (Nationwide Satyagrah) किया. कांग्रेस द्वारा अग्निपथ योजना के खिलाफ सोमवार का सत्याग्रह राष्ट्रपति को एक ज्ञापन के बाद विवादास्पद योजना को वापस लेने का अनुरोध करने के लिए किया गया. सीनियर लीडर मोहन प्रकाश ने कहा, "हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने अहंकार को छोड़कर युवाओं की मांग को मानने का आग्रह करते हैं."
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि, "कांग्रेस पार्टी ने शुरू से ही अग्निपथ योजना पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि यह न तो रक्षा बलों के हितों की सेवा करेगी और न ही युवाओं की चिंताओं को दूर करेगी, क्योंकि चार साल की सेवा के बाद, "अग्निपथ" उस एक वर्ग में, बेरोजगार युवाओं के रूप में अपने जीवन के प्रमुख के रूप में वापस आ जाएंगे."
अग्निपथ योजना के विरोध में अकेले दिल्ली में 70 विधानसभाओं में सत्याग्रह किया गया
राजधानी दिल्ली के सिवा देशभर में जम्मू से लेकर देश के लगभग हर राज्य से कांग्रेस के सत्याग्रह की तस्वीरें सामने आती रही. राजस्थान में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इस सत्याग्रह के दौरान अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक में बड़ा आयोजन कर शक्ति प्रदर्शन भी कर दिया. उन्होंने कहा कि, "केन्द्र की भाजपा सरकार सत्ता के नशे में चूर है. उसने संसद में चर्चा के बिना ही भारतीय सेना की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया है. इसे भी उसे काले कृषि कानूनों की तरह वापस लेना पड़ेगा."
कन्हैया के सत्याग्रह में ABVP का बवाल
इस देशव्यापी सत्याग्रह में कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार को पटना में विद्यार्थी परिषद् के विरोध का सामना करना पड़ा. पटना के पटना सिटी में कांग्रेस के सत्याग्रह की जगह पर ABVP के कुछ युवा जमा ही गए और वहां कन्हैया कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. युवाओं ने 'कन्हैया मुर्दाबाद' और 'कन्हैया कुमार देशद्रोही है' के नारे लगाए. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और इन युवाओं के बीच धक्का मुक्की की तस्वीरें भी सामने आई.
इस हंगामे के बाद कन्हैया कुमार ने अपना भाषण खत्म कर दिया. इसके बाद उन्हें सुरक्षा के बीच सत्याग्रह स्थल से निकाल कर गाड़ी में बिठा कर वहां से रवाना किया गया.
जम्मू-कश्मीर में भी प्रदर्शन
जम्मू में अग्निपथ योजना को वापस लेने के समर्थन में तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, "उन्होंने भगवा पार्टी और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की अन्य युवा विरोधी, किसान विरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों को उजागर करने के अलावा "बीजेपी की तानाशाही नीतियों" का विरोध किया.
उन्होंने कहा कि इस देश के युवाओं को "बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा धोखा दिया गया है" कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों और कस्बों में अग्निपथ विरोधी प्रदर्शन किया.
कांग्रेस ने अपने मुखपत्र नेशनल हेराल्ड के माध्यम से अग्निपथ योजना को इस सरकार द्वारा उठाया गया तुगलकी फरमान बताया है, और अपने देशव्यापी सत्याग्रह को इस तुगलकी फरमान के खिलाफ उठती हुई आवाज बताया.
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