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Air India की फ्लाइट में महिला पर पेशाब करने वाला आरोपी शंकर मिश्रा गिरफ्तार

Air India flight urination case: आरोपी शंकर मिश्रा को Wells Fargo कंपनी पहले ही नौकरी से निकाल चुकी है.

Published
भारत
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Air India flight urination case: एयर इंडिया की फ्लाइट में बुजुर्ग महिला पर कथित रूप से पेशाब करने वाले आरोपी शंकर मिश्रा (Shankar Mishra) को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस आरोपी को राष्ट्रीय राजधानी लेकर आई है. बता दें कि आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा था. पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर रखा था.

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क्या है मामला? 

दरअसल, 26 नवंबर 2022 को एयर इंडिया की फ्लाइट न्यूयॉर्क से दिल्ली के लिए आ रही थी. इसी दौरान कथित तौर पर नशे में धुत शंकर मिश्रा ने बुजुर्ग महिला के ऊपर पेशाब कर दिया.

इस घटना के बाद महिला ने 27 नवंबर को एयर इंडिया ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को पत्र लिखा था. लेकिन एयर इंडिया ने 4 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. एयरलाइन ने दावा किया कि वह पुलिस के पास नहीं गई क्योंकि उन्हें लगा कि दोनों पक्षों ने "मामले को सुलझा लिया है."

DGCA ने मामले में एयर इंडिया को फटकार लगाते हुए कहा है कि "इस पूरे मामले में एयरलाइन का रुख गैर पेशेवर रहा है."

दिल्ली पुलिस ने मिश्रा के खिलाफ IPC की धारा 294 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत), 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक इरादा), 509 (शब्द, हावभाव या कृत्य से महिला के अपमान का इरादा), 510 (शराबी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक तौर पर दुराचार) के साथ-साथ विमानन नियमों के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

सह-यात्री ने बताया फ्लाइट में क्या हुआ था?

वहीं इस मामले में आरोपी शंकर मिश्रा के बगल में बैठे डॉक्टर सुगत भट्टाचार्य ने TOI को बताया कि, घटना के बाद मिश्रा को जैसे ही होश आया, उसने उनसे कहा था कि, "भाई, मुझे लगता है कि मैं मुसीबत में फंस गया हूं."

घटना के दिन अमेरिका में रहने वाले ऑडियोलॉजी के डॉक्टर सुगत भट्टाचार्यजी फ्लाइट में मौजूद थे. वो बिजनेस क्लास की पहली पंक्ति में सीट 8ए (विंडो सीट) पर बैठे थे. वहीं, आरोपी की सीट 8सी थी.

सुगत ने अखबार को बताया, ''वो शराब के नशे धुत्त थे. उन्होंने लंच में ही चार ग्लास सिंगल मॉल्ट व्हिस्की पी थी. उन्होंने मुझसे तीन बार एक ही सवाल पूछा कि आपके बच्चे क्या करते हैं? तब मैंने एयरलाइन के स्टाफ से कहा कि मेरे सहयात्री नशे में हैं और उन्हें इससे ज्यादा शराब ना दें.''

इनकी सीट के पीछे दो महिला सहयात्री बैठी थीं. सुगत का कहना है कि "जब आरोपी ने सीट 9ए पर बैठीं महिला पर कथित तौर पर पेशाब किया तो वो सोए हुए थे. लेकिन, बाद की घटनाएं उन्हीं के सामने हुईं."

इसके साथ ही उन्होंने अखबार को बताया कि, ''वो (पीड़ित महिला) बहुत घबराई हुई लग रही थीं. केबिन क्रू उनसे आरोपी से बात करने के लिए कह रहा था. लेकिन, महिला का कहना था कि वो नशे में है, वो नशे में है. इस तरह का अपराध करने वाले शख्स को आप माफी के लिए पीड़ित के पास नहीं ला सकते.''

आरोपी को कंपनी ने नौकरी से निकाला

वहीं इस मामले में आरोपी शंकर मिश्रा (Shankar Mishra) पर गाज गिरी है. Wells Fargo कंपनी ने आरोपी को वाइस प्रेसिडेंट पद से हटा दिया है. कंपनी की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया है कि,

"वेल्स फार्गो अपने कर्मचारियों से पेशेवर और निजी तौर पर उच्च व्यवहार की उम्मीद करता है. हमें यह आरोप बहुत ही परेशान करने वाले लगे. इस शख्स को वेल्स फार्गो से टर्मिनेट कर दिया गया है. हम इस मामले में जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं."

आरोपी के पिता ने किया बेटे का बचाव

इस मामले में आरोपी शंकर मिश्रा के पिता श्याम मिश्रा ने अपने बेटे का बचाव किया है. पूरे मामले को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा कि, “मुझे नहीं लगता कि वह ऐसा करेगा. वह (पीड़ित) 72 साल की महिला हैं, वह उसकी मां की तरह हैं. वह (आरोपी, उसका बेटा) 34 वर्षीय व्यक्ति है. वह यह कैसे कर सकता है? वह शादीशुदा है. " इसके साथ ही उन्होंने पूरे मामले में ब्लैकमेलिंग का शक भी जताया है.

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आरोपी के वकीलों का दावा

आरोपी शंकर मिश्रा ने शुक्रवार को अपने वकील ईशानी शर्मा और अक्षत बाजपेयी के माध्यम से एक बयान जारी किया. वकीलों ने बताया कि, "आरोपी और महिला के बीच व्हाट्सऐप मैसेजों से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि आरोपी ने 28 नवंबर को कपड़े और बैग साफ करवाए थे और 30 नवंबर को उनकी डिलीवरी हुई थी."

इसके साथ ही बयान में कहा गया है, "महिला ने अपने संदेश में स्पष्ट रूप से कथित कृत्य की निंदा की है और शिकायत दर्ज करने का कोई इरादा नहीं दिखाया है."

वकीलों ने बताया कि, "महिला की शिकायत केवल एयरलाइन द्वारा समुचित मुआवजे के संबंध में थी. इसके लिए उन्होंने 20 दिसंबर को शिकायत की." आरोपी शंकर के वकीलों ने दावा किया कि,

शंकर ने 28 नवंबर को पेटीएम पर दोनों पक्षों द्वारा तय किए गए पैसे का भुगतान कर दिया था, लेकिन लगभग एक महीने बाद 19 दिसंबर को महिला की बेटी ने पैसे वापस कर दिए.

इसके साथ ही वकीलों ने कहा कि केबिन क्रू द्वारा जांच समिति के समक्ष दर्ज कराए गए बयानों से पता चलता है कि घटना का कोई गवाह नहीं है और "सभी बयान केवल सुनी-सुनाए साक्ष्य हैं."

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