गुरुवार, 12 मई को टाटा संस ने कैंपबेल विल्सन (Campbell Wilson) को एयर इंडिया (Air India) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया. विल्सन सिंगापुर एयरलाइंस की पूर्ण स्वामित्व की कम लागत वाली सहायक कंपनी Scoot के सीईओ हैं. एयर इंडिया ने कहा कि विल्सन के पास फुल सर्विस और कम लागत वाली एयरलाइनों दोनों में विमानन उद्योग की 26 साल की विशेषज्ञता है.
इससे पहले पिछले दिनों मार्च में टाटा ग्रुप के प्रमुख एन चंद्रशेखरन को एयर इंडिया का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
कैंपबेल विल्सन की इस नियुक्ति पर चंद्रशेखरन ने कहा
वह एक इंडस्ट्री के दिग्गज हैं, जिन्होंने कई प्रमुख ग्लोबल मार्केट्स में काम किया है. इसके अलावा एयर इंडिया को एशिया में एक एयरलाइन ब्रांड बनाने के अपने अनुभव से लाभ होगा. मैं विश्व स्तरीय एयरलाइन बनाने में उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं.
विल्सन ने 1996 के दौरान न्यूजीलैंड में एसआईए के साथ एक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में शुरुआत की. उन्होंने 2011 में Scoot के संस्थापक सीईओ के रूप में सिंगापुर लौटने से पहले कनाडा, हांगकांग और जापान में एसआईए के लिए काम किया, जिसका उन्होंने 2016 तक नेतृत्व किया. इसके बाद विल्सन एसआईए के सीनियर वाइस-प्रेसीडेंट सेल्स एंड मार्केटिंग के रूप में कार्य किया.
कैंपबेल विल्सन ने कहा
एयर इंडिया दुनिया की सर्वश्रेष्ठ Airlines में से एक बनने के लिए एक रोमांचक यात्रा के शिखर पर है, जो एक वर्ल्ड क्लास प्रोडक्ट और सर्विसेज देता है.
Air India टाटा ग्रुप में तीसरा एयरलाइन ब्रांड है, टाटा समूह की एयर एशिया इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस के साथ ज्वाइंट वेंचर Vistara में हिस्सेदारी है.
ग्रुप ने पहले तुर्की के इल्कर आयसी को एयर इंडिया का सीईओ बनाने का ऐलान किया था, इस फैसले पर लोगों ने बहुत विरोध किया. इसके बाद आयसी ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.
पिछले साल अक्टूबर में, सरकार ने एयर इंडिया को टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी की सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को 18,000 करोड़ रुपये में बेच दिया था.
मौजूदा वक्त में एयर इंडिया घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 से अधिक घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट के साथ-साथ विदेशों में 900 स्लॉट को कंट्रोल करती है.
टाटा ग्रुप को मिलने वाले एयरलाइन के 141 फ्लाइट्स में से 42 विमान लीज हैं जबकि 99 स्वामित्व में हैं.
टाटा ग्रुप ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी, जिसे बाद में 1946 में एयर इंडिया का नाम दिया गया. सरकार ने 1953 में एयरलाइन पर अपना कंट्रोल जमाया, लेकिन जेआरडी टाटा 1977 तक इसके अध्यक्ष बने रहे.
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