शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) और लोकसभा सांसद हरसिमरत कौर बादल (Harsmirat Kaur Badal) सहित कई SAD नेताओं को दिल्ली पुलिस ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच हिरासत में लिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्हें संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया.
गौरतलब है कि अकाली दल विवादस्पद तीन कृषि कानूनों के पास होने के एक वर्ष को चिह्नित करने के लिए 'ब्लैक डे' मना रहा है. इसके लिए 17 सितंबर को अकाली दल के नेताओं ने दिल्ली में एक विरोध मार्च निकाला.
दिल्ली पुलिस ने नहीं दी थी विरोध मार्च की इजाजत
अकाली दल के महासचिव प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने 16 सितंबर को कहा था कि पार्टी दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज से संसद तक विरोध मार्च निकालेगी और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करेगी.
हालांकि इसके बाद दिल्ली पुलिस ने SAD अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा को नोटिस जारी कर कहा कि, मौजूदा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में विरोध मार्च की अनुमति नहीं दी जाएगी.
पूरा देश मोदी सरकार के खिलाफ- सुखबीर सिंह बादल
हिरासत में लिए जाने के बाद सुखबीर सिंह बादल ने पीएम मोदी और हरियाणा सरकार पर अकाली दल के कार्यकर्ताओं को रोकने का आरोप लगाया. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार उन्होंने कहा कि,
“उन्होंने लाठीचार्ज किया और हमारी गाड़ियों को तोड़ दिया. शांतिपूर्ण धरना रोक दिया गया. हम यहां पीएम मोदी को यह संदेश देने आए हैं कि न केवल पंजाब बल्कि पूरा देश उनकी सरकार के खिलाफ है."
विवादास्पद कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली लोकसभा सांसद हरसिमरत कौर ने कहा कि,
“कई किसान मारे गए हैं और कई अभी भी राज्य की सीमाओं पर बैठे हैं, लेकिन यह सरकार (केंद्र) उदासीन है. हम तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे."
इससे पहले हरसिमरत कौर ने SAD प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस की निंदा करते हुए ट्वीट किया “पंजाबियों को दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. पंजाब में रजिस्टर्ड कारों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है. रकाब गंज साहिब की घेराबंदी की जा रही है. किसान शांति से आवाज उठाना चाहते हैं और हमें रोका नहीं जाएगा.”
अन्य ट्वीटों में उन्होंने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को “अघोषित आपातकाल” बताया वहीं कृषि कानूनों के मुद्दों पर NDA से अलग होने को “गर्व” की बात कही.
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