जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास शुक्रवार, 8 जुलाई को बादल फटने (Amarnath shrine cloudburst) के कारण मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 16 हो गई है. उत्तरी सेना कमान ने जानकारी दी है कि भारतीय सेना ने निचले अमरनाथ गुफा स्थल पर बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र में यात्रियों की सहायता के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है.
हादसे में 50 के करीब लोग घायल हुए हैं. वहां से जो वीडियो आ रहे हैं उनमें भयावह मंजर नजर आ रहा है. ITBP के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने जानकारी दी है कि अगले आदेश तक अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है. 6 टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं और 2 अतिरिक्त स्वास्थ्य टीमों को भी भेजा गया है.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार चश्मदीदों ने बताया कि ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के बाद गुफा के ऊपर और किनारे से अचानक पानी की लहर दौड़ गई. इसके कारण तीर्थयात्रियों के लिए बने सामुदायिक रसोई जैसे कई टेंट और संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि
"बाबा अमरनाथ जी की गुफा के पास बादल फटने से आयी फ्लैश फ्लड के संबंध में मैंने LG मनोज सिन्हा जी से बात कर स्थिति की जानकारी ली है. NDRF, CRPF, BSF और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगे हैं. लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की कामना करता हूं"
LG मनोज सिन्हा ने जानकारी दी है कि गृह मंत्री के अलावा पीएम मोदी ने भी उनसे बात की है. LG ऑफिस ने ट्वीट करते हुए कहा कि
"माननीय प्रधान मंत्री और माननीय गृह मंत्री से बात की और घटना के बारे में जानकारी दी. दोनों ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है. तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के निर्देश जारी किए गए हैं. मैं स्थिति पर करीब से नजर रख रहा हूं."
मालूम हो कि मंगलवार को, खराब मौसम की स्थिति के कारण पहलगाम मार्ग पर वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था. पहलगाम के नुनवान बेस कैंप में पवित्र गुफा-मंदिर की ओर तीर्थयात्रियों की आवाजाही रोक दी गई थी.
बता दें कि जब किसी सीमित भौगोलिक क्षेत्र में कम समय में भारी बारिश होती है तो उसे बादल फटना कहते हैं.
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