महाराष्ट्र (Maharashtra) के अमरावती में हुई हिंसा (Amravati violence) के बाद अब गिरफ्तारियों का दौर चल रहा है और इस पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. इस हिंसा को लेकर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने बीजेपी नेताओं पर हिंसा भड़काने के आरोप लगाए हैं.
नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, बीजेपी नेता अनिल बोंडे और बाकी बीजेपी नेताओं ने साजिश रची. दंगे की पहली रात को पैसे बांटे गए और युवाओं को शराब बांटकर दंगा भड़काने की कोशिश हुई. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में दंगा भड़काने की कोशिश थी, लेकिन राज्य की जनता ने ऐसा नहीं होने दिया.
नवाब मलिक ने आगे कहा कि रजा अकादमी की इतनी औकात नहीं कि वो पूरे राज्य को बंद करवा दे. उनके कुछ मौलाना राजनीतिक दलों के दफ्तरों में घूमते हैं. उन्होंने कहा कि मेरे पास फोटो है जिसमें बीजेपी नेता आशीष शेलार रजा अकादमी के ऑफिस में बैठे हैं, उनके घनिष्ठ संबंध हैं. नवाब मलिक ने कहा कि अगर रजा अकादमी का कोई दंगो में शामिल होगा तो उसकी जांच की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
बीजेपी नेता की सफाई
बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने सफाई में कहा है कि ये फोटो 2017 की है और वो रज़ा अकादमी के दफ्तर में नहीं ली गई है. बल्कि उनके पास ऐसे कई फोटोज हैं जो बाहर निकलने पर नवाब मलिक मुंह छिपाने के लायक भी नहीं रहेंगे. इसलिए नवाब ये फोटो वाली राजनीति बंद करें.
अमरावती हिंसा में अब तक क्या हुआ?
अमरावती हिंसा में अब तक 110 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और अलग-अलग थानों में 25 मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें मुख्य आरोपी के तौर पर बीजेपी के नेता और पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही अमरावती के मेयर चेतन गवांडे और बीजेपी जिला अध्यक्ष समेत बीजेपी के तकरीबन दस पदाधिकारियों को दंगो की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.
15 नवंबर को बोंडे समेत 14 लोगों को कोर्ट में पेश किया गया, जिसमें उन्हें जमानत मिल गई. लेकिन सूत्रों की मानें तो दंगे भड़काने का षड्यंत्र रचना और सरकारी काम में बाधा लाने जैसी कठोर धाराओं के तहत फिर से उन्हें क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार कर लिया जा सकता है.
भारी पुलिस बल तैनात
स्थिति को देखते हुए अमरावती के आस-पास के जिलों से 4 हजार पुलिस फोर्स शहर में तैनात की गई है. मुंबई से भी पुलिस अधिकारी अमरावती में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भेज गए हैं.
हालांकि अमरावती शहर में इस समय शांतिपूर्ण माहौल है. पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है. दौरान शहर में लगभग एक हजार पुलिस ने रुटमार्च किया, जिसमें एसआरपी ने भी भाग लिया था.
पूरा मामला समझिए
दरअसल 12 नवंबर को शुक्रवार के दिन त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ जमात-ए-अहले सुन्नत संगठन ने एक मार्च निकाला, जिसमें हिंसा हुई. इसके अगले दिन 13 नवंबर को शनिवार के दिन बीजेपी ने बंद बुलाया, जिसमें बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद भी शामिल थे.
बीजेपी के बंद के दौरान भारी हिंसा हुई और शहर में कर्फ्यू तक लगाना पड़ा. इतना ही नहीं इलाके में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई.
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