वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De) का प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) का नाम नेपाल सरकार द्वारा बनाई गई निगरानी सूची में शामिल किया गया है.
टू द पॉइंट: द क्विंट के पास मौजूद एक दस्तावेज के मुताबिक, काठमांडू में भारतीय दूतावास के अनुरोध के बाद नेपाल के इमिग्रेशन विभाग ने यह कार्रवाई की है.
विभाग से अनुरोध किया गया था कि, "अमृतपाल सिंह को किसी तीसरे देश के लिए नेपाल से यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाए और अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया जाए, अगर वह भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके नेपाल से भागने का प्रयास करता है."
दूतावास के अनुरोध में अमृतपाल की उम्र (30 वर्ष), रंग (गोरा गेहुंआ), और ऊंचाई (छह फीट से ऊपर) जैसी शारीरिक विशेषताओं को भी रेखांकित किया गया है.
स्थानीय मीडिया ने बताया कि पड़ोसी देश की एजेंसियां भी भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी नजर रख रही हैं.
ध्यान दें: भारतीय मिशन के अनुरोध में लिखा है, "अमृतपाल सिंह वर्तमान में नेपाल में छिपा हुआ है," भारतीय मिशन के अनुरोध में आगे कहा गया है कि वह "नेपाल के माध्यम से भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य देश के नकली पासपोर्ट पर भागने की कोशिश कर सकता है."
यह क्यों मायने रखता है: यह खबर हाल ही में अमृतपाल और उसके सहयोगी पापलप्रीत सिंह को दिखाने वाली तस्वीरों के बाद आई है जो हाल ही में ऑनलाइन वायरल हुई थी. 18 मार्च को पंजाब पुलिस द्वारा उसके संगठन वारिस पंजाब दे के सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने के बाद से अलगाववादी नेता फरार है.
इस बीच, वरिंदर सिंह उर्फ फौजी, जिसके कथित तौर पर अमृतपाल के करीबी संबंध हैं, उसे अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
ताजा जानकारी: बीबीसी पंजाबी के ट्विटर अकाउंट को कानूनी मांग के कारण भारत में 'रोक' दिया गया है.
द क्विंट ने बताया कि 19 मार्च को भारत सरकार के अनुरोध पर कुल 122 ट्विटर खातों को इसी तरह 'रोक' दिया गया था.
इनमें से अधिकतर हैंडल वारिस पंजाब दे से संबंधित नहीं थे.
राज्य के कुछ हिस्सों में इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं निलंबित हैं.
पंजाब के कई पत्रकारों ने भी दावा किया है कि उन्हें पुलिस की धमकी का सामना करना पड़ रहा है.
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