पंजाब के अमृतसर शहर में हुए बड़े रेल हादसे की काफी भयानक तस्वीरें सामने आ रही हैं. पठानकोट से अमृतसर की तरफ आ रही DMU जालंधर-अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आकर करीब 60 लोगों की मौत की खबर है. जब ये हादसा हुआ, उस वक्त रेल ट्रैक पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था जिसे देखने के लिए ट्रैक पर लोग खड़े थे. चश्मदीदों के मुताबिक ये बहुत दर्दनाक हादसा है और अमृतसर में ऐसा मौत का मंजर उन्होंने आज तक नहीं देखा.
चश्मदीदों के मुताबिक जब ट्रेन वहां से गुजरी तो उसके बाद ट्रैक के चारों ओर लाशें ही लाशें थीं. किसी का हाथ कटा हुआ था तो किसी की पूरा धड़ शरीर से अलग हो गया था. शवों की स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब है. चश्मदीद कह रहे हैं कि लाशों को देखने की हिम्मत तक नहीं हो रही है.
प्रशासन को ठहराया हादसे का जिम्मेदार
चश्मदीदों ने इस हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उनका कहना है कि ट्रेन एकदम से आ गई और एक बार भी होर्न तक नहीं दिया गया. साथ ही आम क्या रेलवे विभाग को इस बारे में जानकारी नहीं थी कि वहां पर रावण दहन का कार्यक्रम हो रहा है. दशहरा कमेटी भी सवालों के घेरे में है कि क्या उन्होंने रेलवे को इस कार्यक्रम के आयोजन से पहले कोई जानकारी दी? जानकारी के मुताबिक पिछले कई सालों से इसी जगह पर हर साल दशहरा पर रावण दहन होता है.
सिद्धू की पत्नी से नाराज कई लोग
खबर है कि इस प्रोग्राम में कांग्रेस के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को बतौर मुख्यअतिथि बुलाया गया था. लोगों का आरोप है कि जब ये हादसा हुआ तो नवजोत कौर मौके से भागकर सुरक्षित जगह पर पहुंच गईं.
हालांकि नवजौत कौर ने उन सभी रिपोर्ट्स को खंडित किया है जिसमें चश्मदीद उनपर हादसा देखकर भाग जाने का आरोप लगा रहे हैं. उनके मुताबिक वो हादसे से 15 मिनट पहले ही वहां से निकल गई थीं. आपको बता दें कि जिस इलाके में ये हादसा हुआ है, वहां के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ही हैं.
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