अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के प्रॉक्टर प्रोफेसर अफीफउल्लाह ने मंगलवार को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. इसे स्वीकर करते हुए मंगलवार को विधि विभाग के प्रोफेसर वसीम अली को यूनिवर्सिटी का नया प्रॉक्टर बनाया गया. प्रॉक्टर के रूप में उनका कार्यकाल दो वर्ष के लिए होगा. अफीफउल्लाह ने कहा कि व्यक्तिगत कारणों से और व्यस्तताओं के चलते इस्तीफा दिया है. इसके ज्यादा कुछ नहीं है.
कैंपस में पुलिस के घुसने को लेकर हुआ था बवाल
पिछले साल 15 दिसंबर को एएमयू में हुए बवाल की घटना और कैंपस में पुलिस के प्रवेश को लेकर छात्रों का आक्रामक रुख बना हुआ था. वह प्रॉक्टर के इस्तीफे की मांग करते रहे. कुछ दिनों पहले बाब ए सैयद धरना स्थल पर प्रॉक्टर टीम को जूता दिखाने और अभद्रता जैसी घटनाएं भी हुईं.
इसी कारण से प्रोफेसर अफीफउल्लाह ने अपना इस्तीफा सौंप दिया. संयुक्त रजिस्ट्रार मिनहाज ए. खान ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. संयुक्त रजिस्ट्रार ने कहा है कि नए प्रॉक्टर का लंबा अनुभव विवि की शांति स्थापना में सहयोग करेगा.
छात्रों ने इस्तीफे पर कहा, यह हमारी जंग की शुरुआती जीत है
नए प्रॉक्टर बनाए गए प्रो. मो. वसीम अली एएमयू कोर्ट, एकेडमिक काउंसिल, विधि विभाग और वीमेंस स्टडी सेंटर, बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्य रहे हैं. वह प्रशासनिक मामलों का लंबा अनुभव रखते हैं.एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा, "यह हमारी जंग की शुरुआती जीत है, 15 दिसंबर को एएमयू पर हमला हुआ था. अभी कई लोग कतार में हैं.
पिछले दिनों एएमयू के वाइस चासंलर तारिक मंसूर ने बुधवार को छात्रों से ‘आखिरी अपील’’ की थी. इस अपील में उन्होंने कहा कि छात्र क्लास और परीक्षाओं का बायकॉट खत्म करें . पुलिस प्रताड़ना के खिलाफ छात्रों के विरोध के बाद पिछले साल 15 दिसंबर को यूनिवर्सिटी बंद कर दी गई थी. इसके बाद यह इस साल 13 जनवरी को खुली थी लेकिन छात्रों ने क्लास और परीक्षाओं का बायकॉट खत्म नहीं किया था. वाइस चासंलर ने कहा कि छात्र नहीं लौटे तो यूनिवर्सिटी को खोले रखने का कोई मतलब नहीं बनता.
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