5 बार समन करने के बाद आखिरकार महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ईडी (ED) के सामने पेश हुए. उन्हें 100 करोड़ की वसूली के केस में अरोपी बनाया गया है. अनिल देशमुख के बेटे और पत्नी को भी दो बार प्रवर्तन निदेशालय (enforcement directorate) ने समन देकर बुलाया था, लेकिन वो भी अभी तक ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं.
ईडी के सामने पेशी के बाद अनिल देशमुख ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो जारी कर कहा कि, जब-जब ED ने समन किया, मैंने उनका सहयोग किया है. मैंने पहले ही कहा था कि मेरी याचिकाएं हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. इसके निस्तारण के बाद मैं ED ऑफिस आऊंगा. दो बार CBI ने मेरे यहां रेड की, उसमें भी मैंने उन्हें पूरा कॉपरेट किया. अभी भी सुप्रीम कोर्ट में मेरा फैसला आया नही है, लेकिन मैं खुद ही ED दफ्तर आया हूं.
उन्होंने आगे कहा कि, मेरे ऊपर परमवीर सिंह ने गलत आरोप लगाए थे, आज वही परमवीर सिंह विदेश भाग गए हैं, ऐसी खबर मीडिया के माध्यम से आ रही हैं. उन्हीं परमवीर सिंह के खिलाफ पुलिस विभाग में कई शिकायतें दर्ज हुई हैं.
CBI भी कर रही है जांच
दरअसल मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर महाराष्ट्र का गृह मंत्री रहते हुए 100 करोड़ की वसूली का आराप लगाया था. जिसके बाद देशमुख को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और सीबीआई ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया. फिर इस केस में मनी ट्रेल मिलने के बाद ईडी की एंट्री हुई और उसने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. सीबीआई अब तक दो बार अनिल देशमुख के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है.
अनिल देशमुख के PA और PS गिरफ्तार हुए
इस मामले में देशमुख के PA संजीव पलांडे और PS कुंदन शिंदे को अरेस्ट किया गया था, दोनों फिलहाल केंद्रीय एजेंसी की कस्टडी में हैं. इन पर आरोप हैं कि इन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग में देशमुख की मदद की थी.
सिलसिलेवार समझिए इस केस में कब क्या हुआ?
मार्च 2021– परमबीर सिंह ने सीएम को लिखा पत्र.
5 अप्रैल- अनिल देशमुख ने इस्तीफा दिया.
10 मई- ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में देशमुख के खिलाफ ईसीआईआर दायर किया.
26 जून- ईडी ने अनिल देशमुख को समन किया.
29 जून- अनिल देशमुख को दूसरा समन ED ने भेजा.
5 जुलाई- अनिल देशमुख को तीसरा समन ED ने भेजा.
16 जुलाई- अनिल देशमुख को चौथा समन भेजा गया.
17 अगस्त- अनिल देशमुख को पांचवा समन ईडी ने भेजा.
2 सितंबर- अनिल देशमुख ने बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष ईडी के सम को रद्द करने की मांग की.
29 अक्टूबर- बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख की याचिका खारिज कर दी.
1 नवंबर- अनिल देशमुख ED के सामने पेश हो गए.
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