महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख ने शनिवार को अग्रिम जमानत के लिए मुंबई सेशन कोर्ट में अर्जी लगाई. बता दें एनफोर्समेंट डॉयरेक्टोरेट ने 5 नवंबर को ऋषिकेश से एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा था. लेकिन ऋषिकेश पेश नहीं हुए.
यह लगातार पांचवा मौका था, जब समन के बावजूद ऋषिकेश एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए. अग्रिम जमानत की याचिका पर जवाब देने के लिए ईडी ने वक्त की मांग की है, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 12 नवंबर तक टाल दी है.
अग्रिम जमानत की याचिका में ऋषिकेश देशमुख ने कहा, "पूरी कार्रवाई बुरी भावना के साथ की जा रही है. ईडी द्वारा की गई जांच तब कोई मायने नहीं रखती, जब गोरेगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज वसूली की एफआईआर में पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे ने साफ किया है कि 'नंबर-1' परमबीर सिंह हैं. इस स्थिति में आवेदक और उनके पिता के खिलाफ जिस तरीके से आरोपों को तोड़ा-मरोड़ा गया है और गलत तरीके से जांच की गई है, उसमें आवेदक के साथ होने वाले अन्याय के विरोध में कोर्ट का हस्तक्षेप जरूरी है."
ऋषिकेश ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि कुछ गलत आरोप सचिन वझे और परमबीर सिंह की तरफ से अंधाधुंध तरीक से लगाए गए हैं, जबकि इन दोनों लोगों की कोई साख नहीं है. यह दोनों लोग ही वसूली के गिरोहों, फर्जीवाड़े, यहां तक कि हत्या के मामले में भी घुटनों तक धंसे हुए हैं.
बता दें ईडी ने 2 नवंबर को अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था. देशमुख को तब गिरफ्तार किया गया था, जब वे मनी लांड्रिंग केस में जांच के लिए पहुंचे थे.
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