iPhone बनाने वाली कंपनी एपल 1 ट्रिलियन डॉलर यानी 1 लाख करोड़ डॉलर की कंपनी बन चुकी है. इसका मतलब ये समझिए कि इंडोनेशिया की साल भर की जीडीपी के बराबर. इस आंकड़ों को छूने वाली एपल पहली कंपनी बन गई है.
साल 1976 में बनी इस कंपनी का रेवेन्यू शुरुआत में ज्यादातर मैक कम्प्यूटर्स और आइपॉड पर ही निर्भर था, साल 2007 में आईफोन के लॉन्चिंग के बाद कंपनी का रेवेन्यू तेजी से बढ़ता गया. फिलहाल, एपल दुनिया की सबसे कीमती कंपनी है, दूसरे नंबर पर अमेजन और तीसरे पर गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट है.
दुनिया की तीन सबसे बड़ी कंपनियां
- एपल (आईफोन)
- अमेजन
- अल्फाबेट (गूगल)
भारतीय अर्थव्यवस्था का 38% है 'एपल'
एपल कंपनी के आकार का अंदाजा आप इस उदाहरण से लगा सकते हैं. हाल ही में भारत करीब 2.6 ट्रिलियन डॉलर की GDP के साथ फ्रांस को पीछे छोड़ दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना.
- इस हिसाब से एपल की मार्केट वैल्यु भारत की कुल इकनॉमी का 38 फीसदी है.
- कंपनी का मार्केट कैपिटल पड़ोसी देश पाकिस्तान की इकनॉमी का करीब 3 गुना हो गया है.
- वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया के 193 देशों में से सिर्फ 16 ही देश हैं जिनकी जीडीपी एपल के मार्केट कैप से ज्यादा है
- इंडोनेशिया की जीडीपी के करीब-करीब बराबर हो गया है एपल का मार्केट वैल्यु
- मार्केट कैप के लिहाज से भारत की दो सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और टीसीएस से करीब 10 गुना बड़ी कंपनी है एपल.
क्या है एपल की इस जोरदार कमाई का राज?
एपल इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने 2018 की तीसरी तिमाही में कुल 4.18 आईफोन बेचे हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल-दर-साल आधार पर एपल की सेल्स ग्रोथ रेट 3 फीसदी हो सकती है. कंपनी ने इस फाइनेंशियल ईयर की तीसरी तिमाही में 53.3 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया है, जोकि एक साल पहले की तिमाही की तुलना में 17 फीसदी अधिक है. बताया जा रहा है कि इस तिमाही में एपल को सबसे ज्यादा रेवेन्यू सर्विसेज से मिला है, जिसमें एपल म्यूजिक, आईक्लाउड और एपल केयर शामिल है.
इतना ही नहीं बाकी कंपनियों की तुलना में एपल अपने आईफोन पर कई गुना ज्यादा मार्जिन कमाती है. रिसर्च फर्म काउंटर प्वाइंट की पिछले साल की एक रिपोर्ट बताती है कि आईफोन ने अपने हर आईफोन की बिक्री पर औसतन 9,600 रुपये का मुनाफा कमाया है.
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