वित्त मंत्री अरुण जेटली किडनी की बीमारी की जांच के लिए अचानक अमेरिका रवाना हो गए हैं. पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक वह रविवार की रात को ही अमेरिका रवाना हो गए थे. जेटली की पिछले साल 14 मई को रेनल ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई थी. इसके बाद उन्होंने नौ महीने तक विदेश यात्रा नहीं की थी. जेटली को 1 फरवरी को बजट भी पेश करना है.
जेटली को पिछले साल अप्रैल में इंडिया-यूके फाइेंशियल डॉयलॉग को संबोधित करना था लेकिन उन्हें ऐन वक्त पर इसे रद्द कर किडनी ट्रांसप्लांट कराना पड़ा था. उनकी अनुपस्थिति में पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था. अप्रैल में किडनी ट्रांसप्लांट कराने के बाद जेटली ने दफ्तर जाना बंद कर दिया था. उसके बाद वह 23 अगस्त को दफ्तर लौटे थे.
इससे पहले सितंबर 2014 में जेटली ने वजन घटाने के लिए बेरिएट्रिक सर्जरी कराई थी. लंबे समय से डायबिटीज की समस्या की वजह से जेटली का वजन काफी बढ़ गया था. पहले उनका यह ऑपरेशन मैक्स अस्पताल में किया गया था. लेकिन इसमें बाद में जटिलताएं बढ़ने के बाद उनका इलाज एम्स में हुआ था. जेटली की काफी पहले एक हार्ट सर्जरी भी हुई थी.
बीमारी से उबरने के बाद जेटली ने दोबारा सक्रिय होकर पार्टी का बचाव करते हुए नजर आए थे. संसद में सामान्य वर्ग के आरक्षण के पक्ष में उन्होंने अपना भाषण दिया था. इसके अलावा राफेल सौदे पर बहस के दौरान भी उन्होंने राहुल गांधी पर हमले किए थे.
जेटली मोदी सरकार का हर महत्वपूर्ण मौके पर बचाव करते नजर आए हैं. एनडीए में नीतिन गडकरी और अरुण जेटली ऐसे मंत्री हैं जो विपक्ष को हावी होने का मौका नहीं देते. संसद में कई बार अरुण जेटली और राहुल गांधी के बीच जुबानी जंग हो चुकी है. राहुल गांधी सरकार को घेरने में लगे रहे और जेटली उसका बचाव करने में.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)