अयोध्या मामले को लेकर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नया बयान दिया है. ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘मुझे मेरी मस्जिद वापस चाहिए.’
ओवैसी ने ट्विटर पर आउटलुक को दिए गए एक इंटरव्यू का आर्टिकल शेयर करते हुए ये ट्वीट किया है.
‘मुझे अपनी मस्जिद वापस चाहिए’
मैगजीन को दिए गए इंटरव्यू के दौरान जब ओवैसी से पूछा गया कि उन्होंने किस आधार पर कहा था कि अयोध्या फैसले में कानून पर आस्था की जीत हुई है?
इस पर ओवैसी ने कहा, ‘यह दो पक्षों के बीच एक सिविल केस था. और सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कई लोगों का विश्वास है कि राम का जन्म बाबरी मस्जिद के गुंबद के नीचे हुआ था, जिसे 1992 में ध्वस्त कर दिया गया था. इसलिए मुझे लगता है कि यह कानून पर आस्था की जीत है. दूसरी बात, क्या अगर मस्जिद को ध्वस्त नहीं किया गया होता, तो भी यही फैसला आता? तीसरा, हमारी लड़ाई जमीन के एक टुकड़े के लिए नहीं थी. यह इसलिए थी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मेरे कानूनी अधिकार सुरक्षित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा कि मस्जिद बनाने के लिए किसी मंदिर को नहीं गिराया गया. मुझे अपनी मस्जिद वापस चाहिए.’
पांच एकड़ जमीन के पक्ष में नहीं हैं ओवैसी
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ओवैसी ने कहा था कि उनकी पार्टी अयोध्या मुद्दे पर कोर्ट के फैसले के तहत मस्जिद के निर्माण के लिए दी जाने वाली पांच एकड़ की भूमि के पक्ष में नहीं है क्योंकि यह लड़ाई कानूनी अधिकार और बाबरी मस्जिद के लिए थी. उन्होंने कहा था-
“मैं अपनी पार्टी के लिए बोलता हूं, हम यह ‘खैरात’ नहीं चाहते हैं, हमारी लड़ाई कानूनी अधिकार के लिए थी, बाबरी मस्जिद के लिए थी. हमारी लड़ाई जमीन के इस टुकड़े के लिए नहीं थी...’’
ओवैसी ने उठाया था सवाल- अगर बाबरी मस्जिद अवैध थी तो आडवाणी पर मामला क्यों चलाया जा रहा है?
अयोध्या मामले पर फैसला आने के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया था कि अगर बाबरी मस्जिद अवैध थी तो लालकृष्ण आडवाणी और अन्य के खिलाफ इसे ढहाए जाने के संबंध में मामला क्यों चलाया जा रहा है?
AIMIM अध्यक्ष ओवैसी ने कहा था, ‘‘अगर बाबरी मस्जिद तब वैध थी तो इसकी जमीन उन्हें क्यों दी गयी, जिन्होंने इसे ढहाया.अगर यह अवैध थी तो इस पर मामला क्यों चल रहा है और आडवाणी के खिलाफ मामला वापस लिया जाए. अगर यह वैध है तो इसे मुझे दे दीजिए.’’
बता दें, अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.
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