प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ मुख्यमत्रियों की बैठक में पेट्रोलियम पर्दाथों पर से वैट (VAT) कम करने के मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने पलटवार किया है.
बुधवार 28 अप्रैल को बैठक के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि, "प्रधानमंत्री ने जयपुर का नाम तो लिया लेकिन वो संदेश बीजेपी शासित राज्यों को ही देना चाह रहे थे. क्योंकि आज भी भोपाल में पेट्रोल और डीजल की कीमतें जयपुर से ज्यादा हैं. संभवत गलती से उन्होंने भोपाल को जयपुर बोल दिया."
गहलोत ने कहा कि, "राजस्थान सरकार ने 29 जनवरी 2021 को पेट्रोल और डीजल पर 2 प्रतिशत वैट कम किया था, जबकि उस समय केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी में कोई कमी नहीं की थी. केंद्र सरकार ने तो इसके दो दिन बाद पेश किए गए 2021-22 के बजट में डीजल पर 4 रुपये और पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डवलपमेंट नाम से नया सेस लगा दिया. इससे जरूर राजस्थान की जनता को 2 प्रतिशत वैट कम करने का लाभ नहीं मिल पाया."
"4 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कमी की थी, जबकि कोविड लॉकडाउन के दौरान मई, 2020 में केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी. यानी जितनी एक्साइज ड्यूटी कोविड में बढ़ाई गई, उसको भी पूरा कम नहीं किया गया."मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान
अशोक गहलोत ने आगे कहा कि "राज्यों का वैट, केंद्र की एक्साइज ड्यूटी के ऊपर लगता है यानी एक्साइज ड्यूटी कम करने से वैट अपने आप ही कम हो जाता है. इस कारण से 4 नवंबर 2021 को एक्साइज ड्यूटी कम होने से राजस्थान सरकार का पेट्रोल पर 1.80 रुपए प्रति लीटर एवं डीजल पर 2.60 रूपए प्रति लीटर वैट स्वत: कम हो गया.
आमजन को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने 17 नवंबर 2021 पेट्रोल पर 4.96 और डीजल पर 6.70 प्रतिशत वैट और कम किया. तीनों बार की गई इस कमी से प्रतिवर्ष करीब 6300 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई, लेकिन केन्द्र ने कर्नाटक के 6000 करोड़ और गुजरात के 3500-4000 करोड़ की राजस्व हानि का ही जिक्र किया. इन दोनों राज्यों का जिक्र संभवत: वहां आ रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए किया होगा."
"प्रधानमंत्री ने राज्यों के वैट की बात की, लेकिन केन्द्र सरकार के एक्साइज की जानकारी नहीं दी. मई 2014 में जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब पेट्रोल पर प्रति लीटर 9.20 रुपए और डीजल पर 3.46 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती थी, लेकिन आज पेट्रोल पर 27.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती है."मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान
यूपीए सरकार के समय राज्यों को एक्साइज ड्यूटी में से हिस्सा मिलता था, लेकिनअब राज्यों को मिलने वाला हिस्सा लगातार कम होकर महज कुछ पैसे प्रति लीटर रह गया है. इसलिए राज्य अपना वैट बढ़ाने के लिए मजबूर हुए हैं.
केन्द्र सरकार ने 8 सालों में एक्साइज ड्यूटी से करीब 26 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है. यह देश के इतिहास में किसी भी सरकार द्वारा पेट्रोल. डीजल पर टैक्स लगाकर अर्जित की गई सर्वाधिक धनराशि है.
मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें औसतन 61 डॉलर प्रति बैरल रही हैं तब भी पेट्रोल 110 रुपए एवं डीजल 100 रुपए प्रति लीटर से अधिक मूल्य पर बिक रहा है जबकि यूपीए सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक रहे तब भी आमजन के हित को देखते हुए पेट्रोल 70 रुपये एवं डीजल 50 रुपये लीटर से अधिक महंगा नहीं होने दिया गया.
बता दें कि कोविड को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ की गई बैठक में नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कटौती की गई, लेकिन कई राज्यों ने वैट कम नहीं किए, जिससे जनता को लाभ नहीं मिला.
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