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अशरफ ने CJI को बंद लिफाफे में भेजे थे 2 अफसरों के नाम, हत्या की जताई थी आशंका

Ashraf ने CJM के यहां अर्जी दाखिल कर हत्या की आशंका जताई थी और कहा था कि उसे रिमांड पर लेकर मार दिया जायेगा.

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यूपी के प्रयागराज में हुए हाई प्रोफाइल माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की हत्या के बाद से आये दिन नये-नये खुलासे हो रहे हैं. इस बीच, अशरफ की हत्या को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें कहा गया है कि अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के सीएम योगी को लिखे पत्र के साथ अशरफ ने भी अर्जी दाखिल की थी.

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अर्जी में क्या कहा गया?

अशरफ ने अर्जी के साथ दाखिल हलफनामे में जेल से लाकर हत्या की आशंका जताई थी. इसके साथ ही 'वारंट बी' को निरस्त करने की मांग की थी. अशरफ ने प्रयागराज पुलिस से खुद को जान का खतरा बताया था.

VC के जरिए पेशी की मांग

अर्जी में लिखा गया था कि, "कोर्ट के आदेश की आड़ में रिमांड पर लेकर हत्या की जा सकती है. इसमें दो अधिकारी मुख्य रूप से शामिल हैं." अशरफ ने अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र का भी हवाला दिया था. उसमें मांग की थी कि उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो.

अशरफ ने CJI और CM योगी को लिखा पत्र

जानकारी के अनुसार, अशरफ ने इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के CJI, इलाहाबाद हाईकोर्ट के CJ और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बंद लिफाफे में चिट्ठी लिखी थी. इस पत्र में अशरफ ने किससे जान का खतरा था, उसके बारे में बताया था. साथ ही, अतीक अहमद का भी जिक्र किया था.

पत्र में क्या लिखा?

पत्र में अशरफ ने कहा था कि उसको नैनी जेल के अंदर के अंदर एक अधिकारी ने बताया था कि उसकी जान को खतरा है और इसमें कई सफेदपोश शामिल हैं. पत्र में प्रदेश की योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश का भी जिक्र किया गया था. इस बारे में उसने अपने वकील विजय मिश्रा को भी बताया था.

वकील को बताया था जान का खतरा

अशरफ के वकील विजय मिश्रा ने कहा, "28 मार्च को बरेली ले जाने से पहले अशरफ को पुलिस लाइन ले जाया गया था, जहां एक पुलिस अधिकारी द्वारा कहा गया था कि 15 दिन के अंदर तुमहारा काम तमाम कर दिया जायेगा. इस बारे में अशरफ ने मीडिया को बताया था. मुझे भी मीडिया के जरिए ही जानकारी मिली थी."

मैंने बरेली जेल में जाकर इस बारे में अशरफ से पूछा था. उन्होंने बताया था कि एक पुलिस अधिकारी ने ऐसी बात कही है. मैंने उनसे उस अधिकारी का नाम पूछा, तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि आप हमारे वकील हैं, आपको बतायेंगे तो परेशानी हो सकती है.
विजय मिश्रा, अशरफ के वकील

अधिवक्ता विजय मिश्रा ने आगे बताया, "अशरफ ने कहा था कि अगर मेरे साथ ऐसी घटना होती है तो समय पर सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई, हाईकोर्ट के सीजे और सीएम के पास बंद लिफाफे में चिट्ठी पहुंच जायेगी."

अतीक और अशरफ की हुई थी हत्या

बता दें कि 15 अप्रैल को प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में पुलिस मेडिकल जांच के लिए अतीक और अशरफ को ले जा रही थी. इस दौरान अस्पताल पहुंचे ही अतीक और अशरफ की तीन शूटरों ने पुलिस और मीडिया के सामने ताबड़तोड़ फायरिंग करके हत्या कर दी थी. घटना रात करीब 10:30 बजे हुई थी. यूपी पुलिस फिलहाल गुड्डु मुस्लिम और शाइस्ता परवीन की गिरफ्तारी में जुटी है.

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