देश की सेना (Army) को दिए जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार परमवीर चक्र देश के उन वीर सपूतों को दिया जाता है, जो अपने अदम्य साहस और जान की बाजी लगाकर देश के लिए मर मिटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. इस गणतंत्र दिवस परिवार और बच्चों के साथ उन वीर शूरवीरों योद्धाओं की कहानी फौजियों की जुबानी सुनी जा सकती है, जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर देश की रक्षा की और उन्हें देश के सर्वोच्च पुरस्कार परमवीर चक्र से नवाजा गया.
कर्नल गौतम राजऋषि द्वारा लिखित और लेफ्टिनेंट कर्नल संजय शर्मा की आवाज में स्टोरीटेल ऑडियोबुक प्लेटफार्म पर 26 जनवरी को 21 एपिसोड में 21 वीर योद्धाओं की कहानी सुनी जा सकती है, जिन्हें देश के सर्वोच्च सैन्य पदक परमवीर चक्र से नवाजा गया है.
यह ऑडियो सीरीज परमवीर चक्र हासिल करने वाले 21 जांबाज फौजियों की हैरतअंगेज दास्तान है.
इस सीरीज में साल 1947 के दौरान देश के पहले परमवीर चक्र से नवाजे जाने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा-4 कुमाऊं रेजिमेंट से लेकर 1999 में कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा,13 बटालियन ,जम्मू कश्मीर राइफल्स तक 21 वीर फौजियों के शौर्य की गाथा शामिल की गई है.
ऑडियो सीरीज के लेखक कर्नल गौतम राजऋषि ने 21 परमवीर चक्र विजेताओं की गाथाओं को लिखने पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कैप्टन विक्रम बत्रा और मनोज कुमार पांडेय मेरे दोस्त थे और मेरे लिए उनकी दास्तान को कागज में लिखना काफी भावुक क्षण रहा था.
कर्नल गौतम ने कहा कि प्रथम परमवीर चक्र विजेता सोमनाथ शर्मा कुमाऊं रेजिमेंट के फोर्थ बटालियन से थे और मैं भी उसी बटालियन से हूँ और वो हमारे लिए भगवान जैसे रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि, वैसे परमवीर चक्र पुरस्कृत वीरों पर पहले भी कई सीरियल, फिल्में और किताबें लिखी जा चुकी हैं. जिन लोगों को परमवीर चक्र विजेताओं के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं है, उनके लिए यह एक तोहफा है कि वे चलते फिरते और काम करते देश के इन जाबाजों के बारे सुन सकते हैं.
इस ऑडियो सीरीज को अपनी आवाज देने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल संजय शर्मा ने कहा कि मेरे लिए यह एक नया अनुभव था मैं खुद सेना से हूं लेकिन सच्चाई यही है कि अक्सर समय के साथ-साथ हम लोग अपने हीरो को भी भूल जाते हैं.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग आज भी इन योद्धाओं के बारे में नहीं जानते हैं. मैं अपने आप में गर्व महसूस कर रहा हूं कि मैंने अपनी आवाज इस सीरीज को दी है और मेरे लिए यह अनुभव रोंगटे खड़े करने वाला था.
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