अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पूरी हो चुकी है. विवादित भूमि को लेकर 6 अगस्त से चल रही सुनवाई 40 दिन में बुधवार को पूरी हो गई. अब गुरुवार को पांच जजों की बेंच चेंबर में बैठेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रिम कोर्ट मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट को लेकर आगे के रास्ते पर विचार करेगा.
कोर्ट ने 40वें दिन की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. पीठ ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया है.आखिरी सुनवाई के दौरान बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष द्वारा हिंदू पक्ष की तरफ से जमा दस्तावेज फाड़ दिए जाने की वजह से माहौल गरम रहा. यह पांच जजों की बेंच के सामने किया गया, जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे थे.
क्या हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों में हुआ समझौता?
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद को हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की गठित मध्यस्थता समिति ने बुधवार को कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट सौंपी. ऐसा माना जा रहा है कि इसमें हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों के बीच ‘एक तरह का समझौता है. सूत्रों के मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्वाणी अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति और कुछ अन्य हिंदू पक्षकार भूमि विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने के समर्थन में हैं.
ये भी पढ़ें- अयोध्या विवाद पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई पूरी,कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)