सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मुद्दे पर फैसले की घड़ी करीब आ रही है और इसको लेकर पहले से ही हर तरह की तैयारी की जा रही है. अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजार किए गए हैं, वहीं अयोध्या से जुड़े जिलों में भी पुलिस मुस्तैद है और किसी भी तरह की घटना से निपटने के लिए खास तैयारी की जा रही है. पुलिस की गाड़ियों की मरम्मत की जा रही है, हथियारों को टेस्ट किया जा रहा है कि ये आखिरी समय में धोखा ना दे जाएं और मास कम्युनिकेशन सिस्टम का भी टेस्ट किया जा रहा है.
पीएम का अपने मंत्रियों को निर्देश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से इस मुद्दे पर अनावश्यक बयान देने से बचने और देश में सौहार्द बनाए रखने को कहा. मंत्रिपरिषद की एक बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों से कहा कि देश में सौहार्द बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है.
कई जिलों में अलर्ट
पुलिस मुख्यालय ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील 34 जिलों के पुलिस प्रमुखों को भी निर्देश जारी कर दिए हैं. इन जिलों में मेरठ, आगरा, अलीगढ़, रामपुर, बरेली, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ, शाहजहांपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर और आजमगढ़ है.
पुलिस अपनी गाड़ियों की भी मरम्मत और सर्विस करा रहा है, जिससे आपातकाल में कोई समस्या ना आ जाए. वहीं अफवाहों और गलत जानकारियों को फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है.
वहीं 2 दिन पहले उत्तर प्रदेश के DGP ओपी सिंह ने कहा था कि अगर किसी ने कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की तो उस पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लग सकता है.
योगी का मंत्रियों को निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने मंत्रियों से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 17 नंवबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले कोई भी विवादित बयान देने से बचने के लिए कहा है.
मंदिर को लेकर वेदांती ने दिया विवादित बयान
इस बीच रामजन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती ने एक बार फिर बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि राम मंदिर पर फैसला हो चुका है, अब सिर्फ इसका ऐलान होना बाकी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही उन्होंने भविष्यवाणी कर दी है कि फैसला मंदिर के पक्ष में ही आएगा.
भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायरमेंट से पहले अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है. इस मामले पर CJI गोगोई की अगुवाई वाली 5 जजों की संविधान बेंच फैसला सुना सकती है. इस बेंच में CJI गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता के जरिए समाधान खोजने की कोशिश नाकाम रहने के बाद संविधान बेंच ने 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई की थी. यह सुनवाई 16 अक्टूबर तक चली.
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